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इस्लाम छोड़ हिंदू बनीं इंडोनेशिया के पूर्व राष्‍ट्रपति की बेटी, जानें कौन हैं सुकमावती

Sukmawati Sukarnoputri Hindu: दुनिया के सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में एक अप्रत्‍याशित घटना में पूर्व राष्‍ट्रपति सुकर्णोपुत्री की बेटी सुकमावती ने इस्‍लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है. 

Updated on: 27 Oct 2021, 07:06 AM

highlights

  • इंडोनेशिया के पूर्व राष्‍ट्रपति सुकर्णो की बेटी हैं सुकमावती 
  • बाली में हुआ एक पारंपरिक कार्यक्रम का आयोजन
  • बाली द्वीप में हिंदू धर्म से जुड़े कई मंदिर मौजूद हैं 

जकार्ता:

इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है. सुकर्णो सुकमावती सुकर्णोपुत्री सेंटर बाली में आयोजित सुधी वडानी समारोह में सुकमावती ने हिंदू धर्म स्वीकार किया. सोशल मीडिया पर कई वीडियो शेयर किए जा रहे हैं जिसमें वह धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करती हुई नजर आईं. वीडियो में पुजारी को मंत्र पढ़ते और सुकमावती के ऊपर पवित्र जल छिड़कते हुए देखा जा सकता है. उनकी परंपरागत तरीके से आरती भी उतारी गई और अन्य मान्यताओं का पालन भी करवाया गया.  जब यह आयोजन खत्म हुआ तो उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस भी की.

सुकमावती की दादी इदा अयू नयोमान राई श्रीमबेन हिंदू बनने के इस फैसले के लिए काफी हद तक वजह बनी हैं. सुकमावती के वकील ने मीडिया के इस फैसले की जानकारी दी और कहा कि उन्‍हें हिंदू धर्म की काफी वृहद जानकारी है. यही नहीं सुकमावती हिंदू धर्म की सभी सिद्धांतों और परंपराओं से पूरी तरह से वाकिफ हैं. उनके धर्मपरिवर्तन की एक खास बात ये भी है कि उनके इस कदम का उनके भाइयों, गुंटूर सोएकर्णोपुत्र और गुरुह सोएकर्णोपुत्र, और बहन मेगावती सोकर्णोपुत्री ने भी समर्थन किया है. इतना ही नहीं, उनके इस कदम का स्‍वागत उनके बच्चों यानी मुहम्मद पुत्र परवीरा उतामा, प्रिंस हर्यो पौंड्राजरना सुमौत्रा जीवनेगारा और गुस्ती राडेन आयु पुत्री सिनिवती ने भी स्‍वागत किया है. 

सुकमावती के खिलाफ ईशनिंदा का केस
सुकमावती अभी 70 साल की हैं और सुकर्णो की तीसरी बेटी हैं. उनसे छोटी पूर्व राष्‍ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री हैं. वह इंडोनेशिया नैशनल पार्टी की संस्‍थापक भी हैं. उन्‍होंने कांजेंग गुस्‍ती पानगेरान अदिपति आर्या से शादी की थी लेकिन वर्ष 1984 में उनका तलाक हो गया था. वर्ष 2018 में सुकमावती पर एक ऐसी कविता कहने का आरोप लगा था जिससे इस्‍लाम का अपमान हुआ.