साइप्रस के विदेश मंत्री इयोनिस कसौलाइड्स ने कहा कि तुर्की के प्रति उनके देश ने नीतियों में परिवर्तन को लेकर घोषणा की है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कसौलाइड्स ने कहा कि साइप्रस सरकार ने तुर्की पर यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिबंधों को और पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में साइप्रस के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले कार्यो की वजह से आगे बढ़ाने से मना कर दिया है।
देश में सेवारत ग्रीक सेना के अधिकारियों द्वारा तख्तापलट की प्रतिक्रिया में तुर्की के सैन्य अभियान के बाद 1974 में साइप्रस को विभाजित किया गया था।
इसका उत्तरी भाग तुर्की सैनिकों द्वारा नियंत्रित है और एक तथाकथित तुर्की साइप्रस प्रशासन द्वारा चलाया जाता है, जिसकी संयुक्त राष्ट्र द्वारा निंदा की गई थी और केवल तुर्की द्वारा मान्यता प्राप्त है।
हाल के सप्ताहों में, साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस अनास्तासीदेस यूरोपीय संघ के अन्य नेताओं के साथ बैठकों में दोनों देशों के बीच एक नई विश्वास-निर्माण नीति को बढ़ावा दे रहे हैं।
यह साइप्रस के तुर्की-नियंत्रित हिस्से में अधिकारियों द्वारा वरोशा को फिर से खोलने के लिए विचार कर रहा है, जो साइपट्र शहर फेमागुस्टा में एक क्षेत्र है जिसे 1974 से बंद कर दिया गया है।
साइप्रस सरकार का प्रस्ताव है कि फेमागुस्टा के बंदरगाह पर सीमा शुल्क यूरोपीय संघ द्वारा संचालित किया जाना चाहिए, ताकि बाहरी दुनिया के साथ व्यापार को सुविधाजनक बनाया जा सके। यह अन्य देशों के लिए सीधी उड़ानों के लिए साइप्रस के तुर्की-नियंत्रित हिस्से में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित हवाई अड्डे का भी प्रस्ताव रखा गया है।
कसौलाइड्स ने कहा कि प्रस्तावित किए जा रहे उपाय वास्तविकता बन सकते हैं बशर्ते कि तुर्की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार वरोशा को संयुक्त राष्ट्र को सौंप दे।
प्रस्ताव तुर्की साइप्रस समुदाय के दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी नेतृत्व द्वारा खारिज कर दिया गया था, लेकिन प्रस्ताव वामपंथी तुर्की साइप्रस पार्टियों द्वारा समर्थित था।
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Source : IANS