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इस्लाम को लेकर सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दिया बड़ा बयान, जमकर हो रही है चर्चा

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने देश में हो रहे सुधार पर कहा है कि सऊदी अरब अतिवादी से उदारवाद की ओर नहीं, बल्कि असली इस्लाम की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि हम इस्लाम की असली शिक्षा की तरफ लौट रहे हैं.

Updated on: 04 Mar 2022, 10:34 PM

highlights

  • लिबरल इस्लाम टर्म इस्तेमाल करने से जाता है गलत संदेश
  • उदार इस्लाम इस्तेमाल करने से अतिवादियों होते हैं मजबूत
  • बोले, मूल इस्लाम की ओर लौट रहा है सऊदी अरब

रियाद:

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने देश में हो रहे सुधार पर कहा है कि सऊदी अरब अतिवादी से उदारवाद की ओर नहीं, बल्कि असली इस्लाम की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि हम इस्लाम की असली शिक्षा की तरफ लौट रहे हैं. यही पैगंबर मोहम्मद साहब का दिखाया गया सही रास्ता है. इसी रास्ते को इस्लाम धर्म के चारों खलीफाओं ने भी अपनाया था. इस्लाम का यह रास्ता आजाद और शांतिपूर्ण समाज का है. उन्होंने कहा कि इस्लाम के पहले चारों खलीफाओं के शासन में ईसाई और यहूदी भी मुसलमानों के साथ मिलकर रहते थे. उन्होंने हमें सभी संस्कृतियों और धर्मों को सम्मान करना सिखाया है. यही सबसे सही रास्ता है और एक बार फिर हम उसी रास्ते की ओर लौट रहे हैं.

उदार इस्लाम टर्म से किया परहेज
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने देश में उदार इस्लाम को बढ़ावा देने वाली बातों से इंकार किया. उन्होंने कहा कि उदार इस्लाम जैसी भाषा के इस्तेमाल से अतिवादी खुश होते हैं. इससे उन्हें ये प्रचार करने का मौका मिल जाता है कि सऊदी अरब और बाकी मुस्लिम देशों में इस्लाम को बदला जा रहा है. अमेरिकी मैगजीन 'द अटलांटिक' को दिए साक्षात्कार में मोहम्मद बिन सलमान ने देश में हो रहे सुधार को विस्तार से समझाया. उन्होंने कहा कि हम उदार इस्लाम की ओर नहीं, बल्कि इस्लाम की मूल शिक्षा की तरफ बढ़ रहे हैं.  उनसे जब पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि जिस लिबरल इस्लाम को वह सऊदी अरब में आगे बढ़ा रहे हैं, वह पूरी तरह से अलग है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैं कभी भी उदार इस्लाम टर्म का इस्तेमाल नहीं करता हूं, इससे अतिवादी और आतंकवादी प्रसन्न होते हैं. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि अगर हम उदार इस्लाम लफ्ज का इस्तेमाल करते हैं तो इससे ये संदेश जाता है कि सऊदी अरब और बाकी मुस्लिम देशों में इस्लाम को बदला जा रहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है. 

मूल इस्लाम की ओर लौट रहा है सऊदी अरब
उन्होंने कहा कि हम इस्लाम धर्म की असली शिक्षा की तरफ लौट रहे हैं. वह शिक्षा जो खुद पैगंबर मोहम्मद साहब ने हमें सिखाया था. इसके आगे उन्होंने कहा कि इसी रास्ते को इस्लाम धर्म के पहले चारों खलीफाओं ने भी अपने शासनकाल में अपनाया था. यह रास्ता स्वतंत्र और शांतिपूर्ण समाज का है. उन्होंने बताया कि इस्लाम धर्म के पहले चारों खलीफाओं के राज मुसलमान, ईसाई और यहूदी सभी मिलकर रहते थे. उन्होंने हमें सभी संस्कृतियों और सभ्यताओं व धर्मों का सम्मान करना सिखाया है और आज भी यही सबसे बेहतर रास्ता है और हम उसी रास्ते की ओर लौट रहे हैं.

विजन 2030 को अपनाना शुरू
दरअसल, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने देश के लिए विजन 2030 को अपनाना शुरू कर दिया है. इसके तहत उनकी प्लानिंग देश की अर्थव्यवस्था तेल केंद्रित न रखकर दूसरे स्रोतों से भी आमदनी जुटाने की है. इसी के तहत सऊदी अरब में एक स्पोर्ट्स सिटी का भी निर्माण किया गया है. खास बात ये है कि इस शहर को शरिया कानून से मुक्त रखा गया है. यानी यहां आने वाले लोग अपने देश की संस्कृति के हिसाब से कपड़े पहन सकेंगे. इसके साथ ही यहां शराब, जुआ और पॉर्क पर भी पाबंदी नहीं होगी. इसके अलावा अब सऊदी अरब में सिनेमा हॉल भी खोले जा रहे हैं, जिसका मुस्लिम जगत में बहुत ही तीव्र विरोध हो रहा है. गौरतलब है कि मुसलमानों को दोनों ही पवित्र स्थल मक्का (काबा, दुनिया की पहली मस्जिद) और मदीना (मुहम्मद साहब की कब्र) सऊदी अरब में ही है. लिहाजा, दुनियाभर के मुसलमानों का सऊदी अरब से विशेष लगाव है.