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कोरोना वैक्सीन की वजह से बची दुनिया भर में 2 करोड़ लोगों की जान

कोरोना वायरस वैक्सीन की वजह से पूरी दुनिया में सिर्फ पहले साल में करीब 2 करोड़ लोगों की जान बच गई. क्योंकि वैक्सीन ने न सिर्फ संक्रमण की रफ्तार रोकी, बल्कि संक्रमित हुए लोगों को भी गंभीर रूप से बीमार होने से रोका.

Updated on: 24 Jun 2022, 08:51 AM

highlights

  • कोरोना वायरस को रोकने में सफल रही वैक्सीन
  • अकेले भारत में बताई 42 लाख लोगों की जान
  • डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, वैक्सीन का कवरेज सही नहीं

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस वैक्सीन की वजह से पूरी दुनिया में सिर्फ पहले साल में करीब 2 करोड़ लोगों की जान बच गई. क्योंकि वैक्सीन ने न सिर्फ संक्रमण की रफ्तार रोकी, बल्कि संक्रमित हुए लोगों को भी गंभीर रूप से बीमार होने से रोका. अगर साल 2021 में सही समय पर पूरी दुनिया में वैक्सीन पहुंच गई होती, तो शायद कम ही लोगों की जान जाती. अकेले भारत में सवा 5 लाख लोग मारे गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, भारत में तो कोरोना वैक्सीन ने कम से कम 42 लाख लोगों को मरने से रोक लिया. वर्ना जिस रफ्तार से कोरोना का दूसरा और तीसरा दौर चला, वो हर तरफ तबाही मचाने वाला रहा. 

भारत में अब तक कोरोना के 196 करोड़ से भी ज्यादा टीके लगाये जा चुके हैं. जल्द ही ये आंकड़ा 2 अरब को छू जाएगा. कोरोना वैक्सीन पर आई ये रिपोर्ट वैक्सीन को लेकर लोगों को सकारात्मक नजरिए अपनाने की तरफ ले जाएगी. ये शोध (Lancet study में किया गया है. स्टडी में दिसंबर 2020 से दिसंबर 2021 तक के आंकड़े लिये गए हैं. 

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भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार

भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज गुरुवार सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 196.62 करोड़ (1,96,62,11,973) से अधिक हो गया. इस उपलब्धि को 2,54,44,218 टीकाकरण सत्रों के जरिये प्राप्त किया गया है. 12-14 आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण 16 मार्च, 2022 को प्रारंभ हुआ था. अब तक 3.60 करोड़ (3,60,03,591) से अधिक किशोरों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगाई गई है. समान रुप से 18-59 आयु वर्ग के लिये प्रीकॉशन खुराक भी 10 अप्रैल, 2022 को प्रारंभ की गई थी.