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इमरान खान का तख्ता पलट बस गिने-चुने दिनों की बात, कोरोना संक्रमण के बीच सेना का मोह भंग

कोरोना का कहर प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है. कोविड-19 संक्रमण ने इमरान खान की कुर्सी को डगमगा दिया है.

Updated on: 26 Apr 2020, 11:47 AM

highlights

  • पाकिस्तान (Pakistan) में तख्तापलट की संभावना बढ़ी.
  • संक्रमण ने इमरान खान की कुर्सी को डगमगा दिया है.
  • कोरोना पर कुछ न कर पाना जनरलों की नजर में विफलता.

इस्लामाबाद:

एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) में तख्तापलट की संभावना बढ़ गई है. वास्तव में कोरोना का कहर प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है. कोविड-19 संक्रमण ने इमरान खान की कुर्सी को डगमगा दिया है. पाकिस्तान में कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के प्रयासों में इमरान खान की विफलता ने पाक सेना (Pakistan Army) को उन पर हावी होने का मौका दे दिया है. आलम यह है कि अब सेना के सामने इमरान की एक भी नहीं चल पा रही है. इस बीच पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 12500 हो गई है।

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लॉकडाउन के फैसले पर असमंजस ने बदला माहौल
दरअसल, उस वक्त इमरान खान की कुर्सी पर संकट के बादल और गहरा गए, जब इमरान खान के पाकिस्तान में लॉकडाउन नहीं करने के फैसले को फौज ने पलट दिया. 22 मार्च को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के नाम अपने संबोधन में देशव्यापी लॉकडाउन न करने के कारणों को बताया था. इमरान खान ने कहा था कि ऐसा करने पर लाखों लोग अपनी नौकरी खो देंगे और उन परिवारों को और ज्यादा प्रभावित करेंगे, जो गरीबी रेखा से नीचे हैं, जो भूख मिटाने के लिए पर्याप्त भोजन पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मगर महज 24 घंटे के भीतर ही पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने इमरान खान के फैसलों को पलटते हुए पाकिस्तान में लॉकडाउन की घोषणा कर दी.

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सेना ले रही संकट की घड़ी में निर्णय
जैसे ही पाकिस्तान में लॉकडाउन का ऐलान हो गया, पूरे देश में सेना की तैनाती कर दी गई और अब सेना राष्ट्रीय कोर समिति के माध्यम से कोविड-19 से निपटने के लिए उपायों पर दिशा-निर्देश जारी कर रही है. फाइनेंशियल टाइम्स ने एक अनाम रिटायर्ड जनरल के हवाले से कहा कि इमरान सरकार कोरोना वायरस को संभालने में एक तरह से नाकामयाब रही है. इमरान खान ने कोरोना से जंग में एक बड़ा गैप बना दिया, यही वजह है कि सेना ने उस अंतर को भरने की कोशिश की है. इसके अलावा, कोई विकल्प नहीं था.

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नियाजी खान की क्षमताओं पर सवाल
कोरोना संकट ने एक बार फिर से पाकिस्तान में यह सवाल पैदा कर दिया है कि आखिर फैसले अब कौन ले रहा है, सेना या 2018 में सत्ता में आए इमरान खान. बता दें कि सेना के सहयोग से ही इमरान खान सत्ता में आए थे. सैन्यबलों ने कोरोना वायरस के इस संकट को एक अवसर के रूप में लिया है, जो इमरान खान की क्षमताओं पर सवाल खड़े कर रही है. इससे पहले इमरान खान के युवाओं को आगे आने और कोरोना रिलीफ टाइगर्स फोर्स में शामिल होने की अपील की थी, जिस पर उनका काफी मजाक उड़ा था.

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सेना ने माना इमरान विफल
विश्लेषकों का मानना है कि कोरोना वायरस पर कुछ कारगर न कर पाना जनरलों की नजर में इमरान खान के लिए एक और नीतिगत विफलता है. इसके अलावा, 67 वर्षीय क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान कश्मीर के मुद्दे पर बार-बार विश्व समुदाय का ध्यान खिंचने में नाकाम रहे हैं और अपने देश को आतंकी फंडिंग के लिए 'ग्रे लिस्ट' से निकालने में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को समझाने में भी वह संघर्ष करते रहे हैं.

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पाकिस्तान में बढ़ रहा संक्रमण का मामला
विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के एक सांसद नफीसा शाह का कहना है कि आपातकाल के समय में किसी को स्पष्ट निर्णय लेना होता है. पूरी दुनिया मजबूत लॉकडाउन की सलाह दे रही है, अगर प्रधानमंत्री यह नहीं दिखाते हैं कि वह निर्णय लेना वाले हैं, तो जाहिर है कोई और करेगा. बता दें कि कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या पाकिस्तान में 12,657 पहुंच गई है और अब तक 265 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 2755 लोग इससे ठीक हो चुके हैं.