कोरोना वायरस के खिलाफ सफल ऑक्सफर्ड की वैक्सीन, अगले चरण में पहुंचा परीक्षण

पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहा है. ऑक्सफोर्ड कोरोना वायरस की वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 का मानव परीक्षण कर रहा है. सोमवार को आई रिपोर्ट के अनुसार इसके ट्रायल के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं.

पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहा है. ऑक्सफोर्ड कोरोना वायरस की वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 का मानव परीक्षण कर रहा है. सोमवार को आई रिपोर्ट के अनुसार इसके ट्रायल के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं.

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nitu pandey
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कोरोना के खिलाफ सफल ऑक्सफर्ड की वैक्सीन( Photo Credit : प्रतिकात्मक फोटो)

पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहा है. ऑक्सफोर्ड कोरोना वायरस की वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 का मानव परीक्षण कर रहा है. सोमवार को आई रिपोर्ट के अनुसार इसके ट्रायल के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं. ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ट्रायल में सुरक्षित और इम्यून को मजबूत करने में सफल साबित हुई है. इसके नतीजे बेहद उत्साहजनक रहे हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि उनकी वैक्सीन ने शुरुआती परीक्षण में लोगों में सुरक्षात्मक प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है, जिन्हें यह वैक्सीन लगाई गई थी.

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ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने पहली बार अप्रैल में लगभग 1,000 लोगों में वैक्सीन का परीक्षण शुरू किया था, जिनमें से आधे लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी. जिन्हें वैक्सीन दी गई उनमें एंटीबॉडी और व्हाइट ब्लड सेल्स बने जो कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम थे.  

दोहरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई

वैक्सीन ने उत्पन्न की दोहरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया ‘लांसेट’ नामक पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित शोध में, वैज्ञानिकों ने कहा कि ट्रायल में पाया गया कि वैक्सीन ने 18 से 55 वर्ष की आयु के लोगों में दोहरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की है.कुल 56 दिन तक चले ट्रायल में 23 अप्रैल से 21 मई के बीच जिन लोगों को वैक्सीन दी गई थी उनमें सिरदर्द, बुखार, बदन दर्द जैसी शिकायतें पैरासिटमॉल से ठीक हो गईं। ज्यादा गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं हुए.

इस तरह के शुरुआती परीक्षणों को आमतौर पर केवल सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, लेकिन इस मामले में विशेषज्ञ यह भी देखना चाह रहे थे कि इसकी किस तरह की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होगी.

 हर किसी में अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देख रहे हैं

जेनर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एड्रियन हिल ने कहा कि हम लगभग हर किसी में अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देख रहे हैं. यह वैक्सीन प्रतिरक्षा प्रणाली के दोनों पक्षों को मजबूत कर देती है. एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने से जो परमाणु उत्पन्न होते हैं जो संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसके अलावा, इस वैक्सीन से शरीर की टी-कोशिकाओं में एक प्रतिक्रिया होती है जो कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करती है.

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ब्रिटेन समेत दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में भी हुआ ट्रायल

उन्होंने बताया कि वैक्सीन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने वाले बड़े परीक्षणों में ब्रिटेन के लगभग 10,000 लोगों के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के प्रतिभागी शामिल है. ये परीक्षण अभी बड़े पैमाने पर जारी हैं.

ब्रिटेन ने पहले ही वैक्सीन की 10 करोड़ डोज सुरक्षित कर ली हैं

ब्रिटेन ने पहले ही वैक्सीन की 10 करोड़ डोज सुरक्षित कर ली हैं. भारत में भी इस वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का उत्पादन करने का जिम्मा मिला है.

वहीं, ऑक्सफोर्ड ने वैश्विक स्तर पर अपने वैक्सीन के उत्पादन के लिए दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है और कंपनी पहले ही दो अरब खुराक बनाने की प्रतिबद्धा जता चुकी है.

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प्रधानमंत्री बोरिस ने दी बधाई 

वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस ने इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के उत्साहजनक परिणामों को लेकर रहा, यह बहुत सकारात्मक समाचार है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के हमारे कुशल वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को बहुत बधाई. हम अभी अंतिम पड़ाव पर नहीं पहुंचे हैं और आगे के ट्रायल बहुत अहम होंगे. उन्होंने आगे कहा कि लेकिन, यह सफलता सही दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

Source : News Nation Bureau

covid-19 coronavirus vaccine Oxford University
      
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