Coronavirus (Covid-19): विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के दो विशेषज्ञ कोविड-19 वैश्विक महामारी (Coronavirus Epidemic) की उत्पत्ति का पता लगाने के एक बड़े अभियान के तहत जमीनी काम पूरा करने के लिए अगले दो दिन चीन की राजधानी बीजिंग में बिताएंगे. संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा कि एक पशु स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एक महामारी विज्ञानी अपनी यात्रा के दौरान भविष्य के अभियान के लिए काम करेंगे जिसका मकसद यह पता लगाना है कि यह विषाणु पशुओं से मनुष्यों तक कैसे फैला.
यह भी पढ़ें: ओली के भविष्य पर फैसलाः नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी की बैठक एक हफ्ते के लिए टली
भविष्य में महामारियों को फैलने से रोकने के लिए चीन ने कुछ पशु बाजार बंद किए
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह विषाणु चमगादड़ों से पैदा हुआ और फिर कस्तूरी बिलाव या पैंगोलिन जैसे अन्य स्तनधारी प्राणियों में फैला और इसके बाद पिछले साल के अंत में चीनी शहर वुहान के खाद्य बाजार में लोगों तक फैला. भविष्य में महामारियों को फैलने से रोकने के लिए चीन ने वन्यजीवों के व्यापार पर कार्रवाई की और कुछ पशु बाजार बंद कर दिए. डब्ल्यूएचओ का अभियान राजनीतिक रूप से संवेदनशील है क्योंकि उसे सबसे अधिक वित्त पोषण देने वाले अमेरिका ने इस महामारी से निपटने में नाकामी और चीन के प्रति पूर्वग्रह का आरोप लगाकर उसकी निधि में कटौती करने की धमकी दी है.
यह भी पढ़ें: 21वीं सदी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का सबसे बड़ा माध्यम बनेगी सौर ऊर्जा, PM नरेंद्र मोदी का बयान
मई में विश्व स्वास्थ्य महासभा में 120 से अधिक देशों ने विषाणु की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए जांच की मांग की थी. चीन ने जोर दिया था कि डब्ल्यूएचओ जांच का नेतृत्व करे और इसके लिए महामारी के नियंत्रण में आने तक का इंतजार करे.