CoronaVirus (Covid-19): तेल संपन्न देश कुवैत में विदेश से लौटे नागरिकों को लग्जरी होटलों में 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है और आलीशान सुविधाओं वाले इन केंद्रों में रह रहे ये लोग भोजन से लेकर साफ-सफाई तक को लेकर कई शिकायतें कर रहे हैं. कुवैत ने कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. देश में इस संक्रमण के 700 से अधिक मामले सामने आए हैं और एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है. होटलों को पृथक केंद्रों में बदल दिया गया है. वहां इटली, जर्मनी, ईरान, मिस्र और लेबनान समेत अन्य देशों से लौटे करीब 60,000 कुवैती नागरिकों को ठहराने की तैयारी है. पहला जत्था दो सप्ताह पहले लौटा था और वे अपने आवास को लेकर संतुष्ट नहीं हैं.
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एक महिला ने ऑनलाइन अपलोड किए गए अपने वीडियो में चेहरा छिपाते हुए कहा, 'माननीय वित्त मंत्री, भोजन का कोई स्वाद नहीं है, यह खाने लायक नहीं है और हम इसे फेंक रहे हैं. हम भावनात्मक रूप से थक गए हैं और हमारी सेहत भी बिगड़ रही है क्योंकि भोजन पोषक तत्वों से युक्त नहीं है.' वहीं, उनकी इस टिप्पणी पर कुछ लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें आभारी होना चाहिए.
एक टि्वटर यूजर ने लिखा, '‘मैं अपनी मां के साथ एक हफ्ते तक एक अस्पताल में रुकी और शिकायत नहीं की, ब्रेड तथा चीज़ खाकर रही.' कुवैत के ज्यादातर नागरिक लग्जरी जीवन के आदी हैं, खासतौर से यूरोप में रहने वाले लोग. वहां उनमें से कुछ के पास अपना घर और सुपरकारें हैं. एक अन्य महिला ने कहा कि मेरे मीट में मेरी पसंद से ज्यादा वसा है.
पृथक रह रहे एक अन्य शख्स ने कहा कि कर्मचारियों को काउच पर कॉफी का धब्बा साफ करने में बहुत वक्त लगता है. इस बीच, कुवैत के मंत्रिमंडल ने कहा कि अगर कोई जानबूझकर विषाणु फैलाता हुआ पाया गया तो उसे 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है और उस पर 30,000 दिनार का जुर्माना लगाया जा सकता है.
Source : Bhasha