वुहान की लैब में पैदा किया गया कोरोना वायरस... अब ब्रिटिश लेखक का दावा
वेड ने कहा कि सबूत इस आशंका को पुख्ता करते हैं कि यह वायरस एक प्रयोगशाला में पैदा किया गया, जहां से वह फैल गया.
highlights
- अब ब्रिटेन के मशहूर लेखक और संपादक वेड ने जताई लीक की आशंका
- चीन की वुहान स्थित प्रयोगशाला में चूहों पर प्रयोग के दौरान हुआ लीक
- कई और ने भी चीन के लैब से लीक होने की थ्योरी को खारिज नहीं किया
लंदन:
बीते साल की शुरुआत में चीन के वुहान (Wuhan) में तबाही मचाने के बाद दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस (Corona Virus) की उत्पत्ति पर वैश्विक बहस जारी है. हर कुछ दिन बाद इस वायरस की उत्पत्ति को लेकर कोई न कोई नई बात लोगों के बीच आ जाती है. ऐसा दावा किया जाता है कि यह वायरस प्राकृतिक नहीं है, बल्कि इसे प्रयोगशाला में बनाया गया है. इस कड़ी में अब विज्ञान (Science) संबंधी मामलों पर लिखने वाले ब्रिटेन (Britain) के मशहूर लेखक और संपादक निकोलस वेड ने भी यह आशंका जाहिर की है. उन्होंने कहा कि चीन के वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी के रिसर्चर्स कोरोना वायरस से मानव कोशिकाओं और मानवकृत चूहों को संक्रमित करने के लिए प्रयोग कर रहे थे.
कोरोना की उत्पत्ति पर उठाए थे सवाल
निकोलस ने बताया कि इसी प्रकार के प्रयोग के कारण कोविड-19 जैसे वायरस के पैदा होने की आशंका है. वेड ने इस महीने की शुरुआत में प्रतिष्ठित 'बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स' में प्रकाशित 'कोविड की उत्पत्ति: वुहान में भानुमती का पिटारा लोगों ने खोला या प्रकृति ने?' शीर्षक वाले लेख में सार्स-सीओवी-2 की उत्पत्ति पर कई सवाल उठाए. कोरोना वायरस दिसंबर 2019 में वुहान से फैला शुरू हुआ था और यह वैश्विक महामारी बन गया. वेड ने कहा कि सबूत इस आशंका को पुख्ता करते हैं कि यह वायरस एक प्रयोगशाला में पैदा किया गया, जहां से वह फैल गया लेकिन इसकी पुष्टि के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है. उन्होंने कहा कि कई लोग जानते हैं कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर दो मुख्य अनुमान जताए जा रहे हैं. एक अनुमान यह है कि यह वन्यजीवों से मनुष्यों में प्राकृतिक रूप से आया और दूसरा अनुमान यह है कि इस वायरस पर किसी प्रयोगशाला में अध्ययन किया जा रहा था, जहां से वह फैल गया.
यह भी पढ़ेंः महाराष्ट्र का गांव हुआ कोरोना मुक्त, केंद्र से मिली सराहना
'गेन ऑफ फंक्शन' प्रयोग की देन है कोरोना वायरस
वेड ने कहा, 'वुहान चीन के मुख्य कोरोना वायरस अनुसंधान केंद्र का घर है, जहां अनुसंधानकर्ता मानव कोशिकाओं पर हमला करने के लिए चमगादड़ संबंधी कोरोना वायरस बना रहे थे.' उन्होंने कहा कि वे न्यूनतम सुरक्षा प्रबंधों के बीच ऐसा कर रहे थे और यदि सॉर्स-2 का संक्रमण वहां से अप्रत्याशित रूप से फैला, तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है. वेड ने कहा कि इस बात के दस्तावेजी सबूत हैं कि वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी के शोधकर्ता मानव कोशिकाओं और मानवीकृत चूहों को कोरोना वायरस से संक्रमित करने के लिए 'गेन ऑफ फंक्शन' प्रयोग कर रहे थे. इसी प्रकार के प्रयोग से सॉर्स-2 जैसा वायरस पैदा हुआ होगा.
यह भी पढ़ेंः कोरोना से लड़ने के लिए और भी टीके विकसित करने की जरूरत: डॉ. हर्षवर्धन
डब्ल्यूएचओ की जांच पर भी संदेह
उन्होंने कहा कि अनुसंधानकर्ताओं का इन वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण नहीं हुआ था और वे न्यूनतम सुरक्षा प्रबंधों के बीच काम कर रहे थे, इसलिए वायरस का वहां से फैलना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी वुहान संस्थान के पास से फैली. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई लोग भी यह आशंका जता चुके हैं कि वायरस चीन की किसी प्रयोगशाला से फैला. कुछ ही दिनों पहले दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों के एक समूह ने भी कहा है कि वायरस के चीन के लैब से लीक होने की थ्योरी को खारिज नहीं किया जा सकता, जब तक डाटा आधारित गहन जांच के आधार पर इसे खारिज नहीं किया जाता है. वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की उत्पत्ति और फैलने के बारे में वुहान में की गई जांच में सभी पहलुओं का ध्यान नहीं रखा गया है, साथ ही लैब से वायरस के लीक होने की थ्योरी को जांच के लायक भी नहीं समझा गया.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी