दुनियाभर में जारी कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 634,835 पहुंच गया है जिनमें से 29,957 लोगों की मौत हो चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक पिछले 24 घंटों में कोरोना के 63,159 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 3464 लोगों की मौत हो गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक यूरोप में कोरोना से संक्रमित मरीजों केसबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं जिनमें इटली सबसे आगे है. यहां मरीजों के आंकड़े 92 हजार के पार चले गए हैं. इसके बाद स्पेन में अब तक 72 हजार मामले सामने आ चुके हैं और तीसरे नंबर है जर्मनी जहां आब तक 52 हजार मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना से तहुई मौतों के मामलों में भी इटली और स्पेन टॉप पर है. इटली में जहां अब तक 10,023 मौते हो चुकी है तो वहीं 5690 मौतों के साथ स्पेन नंबर पर 2 पर है.
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अमेरिका में हो सकती हैं एक लाख - 2 लाख मौतें
वहीं अमेरिका में कोरोना वायरस के अब तक 1 लाख 3 हजार मामले सामने आ चुके हैं. अमेरिकी सरकार के अग्रणी संक्रमण रोग विशेषज्ञ का कहना है कि देश में कोरोना महामारी से एक लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं और लाखों लोग इससे संक्रमित हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉ एंथनी फौसी ने रविवार को यह बात कही है. उन्होंने कहा, एक से 2 लाख मौतें हो सकती हैं. हमारे पास लाखों की तादाद में मामले सामने आने वाले हैं. उन्होंने कहा, मैं उसका रुककर इंतजार नहीं करूंगा क्योंकि यह महामारी रुकने वाली नहीं है.
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बता दें, कोरोना वायरस के संक्रमण से बुजर्गों की मौत होने का सबसे अधिक खतरा है, लेकिन ऐसा नहीं माना जा सकता कि सिर्फ वे ही इसके जोखिम के दायरे में हैं. इस वायरस को लेकर इस बात पर भी चर्चा जारी है कि इससे पीड़ित महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की सेहत ज्यादा खराब हो रही है. अमेरिका और यूरोप में तेजी से बढ़ते मामलों से स्पष्ट हो गया है कि उम्र से परे यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि आप माहमारी से पहले कितने स्वस्थ्य थे.
अधिकतर लोगों में कोरोना वायास से संक्रमण के हल्के लक्षण समाने आ रहे हैं लेकिन इसका अभिप्राय यह नहीं है कि सभी में यह अहम सवाल पैदा करता है कि किसे बीमार होने के बारे में सबसे अधिक चिंता करनी चाहिए? हालांकि, पुख्ता तौर पर वैज्ञानिकों द्वारा कुछ कहने से पहले महीनों के आंकड़ों की जरूत होगी लेकिन शुरुआती अध्ययनों से कुछ संकेत मिले हैं. वरिष्ठ नागरिक निश्चित रूप से इस संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं और चीन में मरने वाले 80 फीसदी लोगों की उम्र 60 साल से अधिक थी और यही परिपाटी अन्य जगहों पर भी देखने को मिल रही है. यह संकेत करता है कि कुछ देशों को सबसे अधिक खतरा है.