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COVID-19 को बंदूक से मारेंगे अमेरिकी, एक महीने में खरीद डालीं 19 लाख बंदूकें

जैसा राजा वैसी प्रजा की तर्ज पर आम अमेरिकी भी संक्रमण के दौर में मानसिक दिवालियापन का परिचय दे रहे हैं. कोरोना वायरस से बचने के लिए वह सावधानी बरतने से कहीं ज्यादा बंदूक (Guns) खरीदने को तरजीह दे रहे हैं.

Updated on: 10 Apr 2020, 10:39 AM

highlights

  • महामारी की भयावह स्थिति को देख अमेरिकी बेहद डरे हुए हैं.
  • भविष्य में नागरिक असंतोष से बचने के लिए खरीद रहे बंदूकें.
  • बंदूक के बल पर अजीब-ओ-गरीब कारनामों को दे रहे अंजाम.

वाशिंगटन:

कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के फैलाव ने दुनिया के कई सभ्य और विकसित कहे जाने वाले देशों की कलई खोल कर रख दी है. इससे सिद्ध हो गया है कि इन देशों में किसी आपात स्थिति से निपटने की ना तो जिजीविषा है और ना ही कोई रणनीति. अब अमेरिका को ही लीजिए, जहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने पहले तो कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण को ही हल्के में लिया. बाद में प्रसार बढ़ने पर संख्या का आकलन कर खुद और देशवासियों को तसल्ली देने लगे. जैसा राजा वैसी प्रजा की तर्ज पर आम अमेरिकी भी संक्रमण के दौर में मानसिक दिवालियापन का परिचय दे रहे हैं. कोरोना वायरस से बचने के लिए वह सावधानी बरतने से कहीं ज्यादा बंदूक (Guns) खरीदने को तरजीह दे रहे हैं. सिर्फ मार्च के महीने में ही अमेरिकियों ने19 लाख बंदूकें खरीद डाली हैं.

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बंदूक रखने-चलाने के अजीब तर्क
बंदूक के बल पर अमेरिकी हालिया दौर में अजीब-ओ-गरीब कारनामों को अंजाम दे रहे हैं. पिछले हफ्ते अल्फरेट्टा में एक व्यक्ति ने दो महिलाओं पर केवल इसलिए बंदूक तान दी, क्योंकि उन्होंने मास्क व दस्ताने पहने थे. उसे डर था कि ये महिलाएं उसे संक्रमित कर देंगी. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. न्यू मैक्सिको में एक व्यक्ति ने गोली चला दी, जिसमें उसका 13 साल का चचेरा भाई मारा गया. उसने पुलिस को बताया कि वह संक्रमण के दौरान अपनी सुरक्षा के लिए बंदूक लाया था. मैनचेस्टर में अभियुक्त ठहराए जा चुके व्यक्ति ने महामारी के समय खुद को बचाने के लिए बंदूक रखने का कानूनी दावा किया. पुलिस ने उसके पास से गैर-कानूनी बंदूक बरामद की.

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कोरोना संक्रमण से मनःस्थिति पर असर
महामारी की भयावह स्थिति को देख अमेरिकी बेहद डरे हुए हैं. नागरिकों की मन: स्थिति पर भारी असर हुआ है. उन्हें लगता है कि भविष्य में नागरिक असंतोष के चलते अनिश्चितता बढे़गी और सरकारी तंत्र से उन्हें मदद नहीं मिलेगी. इस कारण वे घरेलू सामान तो थोक में खरीद ही रहे हैं, साथ ही बड़ी संख्या में बंदूकें भी खरीद रहे हैं. कई राज्यों में फरवरी के मुकाबले मार्च में बंदूकों की दोगुनी बिक्री हुई. यूटाह और मिशिगन जैसे राज्यों में यह तीन गुना से ज्यादा है. यह दूसरा मौका है जब इस पैमाने पर असलहे खरीदे गए. इससे पहले 2013 में सैंडीहुक प्राथमिक स्कूल में हुए गोलीकांड के बाद असलहे खरीदे गए थे.