दुनियाभर के सामने मिसाल बनने वाला अमेरिका अब खुद कोरोना के सामने घुटने टेकता हुआ नजर आ रहा है. कोरोना अब तक लगभग दुनिया के सभी देशों अपनी चपेट में ले चुका है और अमेरिका इसका तीसरा बड़ा केंद्र बन चुका है. अमेरिका में अब 39, 207 मरीज कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं जबकि 466 लोगों की इससे मौत हो गई है.
वहीं, कोरोनावायरस महामारी के चलते पूरी दुनिया में अबतक लगभा 4 लाख लोग इसकी चपेट में आए हैं और लगभग 16 हजार लोगों को इस वायरस की वजह से अपनी जान गवांनी पड़ी है. अकेले इटली में आज कोरोना वायरस की वजह से 602 लोगों की मौत हो गई है. इसके बाद इटली को पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया है, लेकिन फिर भी यहां कोविड-19 संक्रमण के मामलों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है.
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने सिडनी के 2 जीबी रेडियो स्टेशन के साथ एक साक्षात्कार में स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया में कोविड-19 के कई मरीज अमेरिका से आए हैं. ऑस्ट्रेलिया ने 20 तारीख की रात से अमेरिकी सहित सभी विदेशियों के प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका पर यात्रा प्रतिबंध कभी नहीं लगाया है.
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अब अमेरिका में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की संख्या दुनिया में तीसरे स्थान पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने न्यूयॉर्क, वाशिंगटन और कैलिफोर्निया को 'प्रमुख आपदा क्षेत्र' घोषित किया गया है. लेकिन, अमेरिकी सरकार अभी भी असंबद्ध दिखाई देती है.
20 मार्च को व्हाइट हाउस द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में, अमेरिकी सर्वोच्च नेता ने कहा कि उन्होंने पूरे देश में 'कर्फ्यू' लगाने पर विचार नहीं किया है. क्योंकि 'अमेरिका के कई हिस्सों में महामारी की स्थिति गंभीर नहीं है.'
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अमेरिकी खुफिया एजेंसियां भी जनवरी से प्रकोप की चेतावनी दे रही थीं कि कोरोना वायरस के दुनिया भर में फैलने की संभावना है और इसे रोकने के लिए त्वरित सरकारी कार्रवाई की आवश्यकता है. सांसद और व्हाइट हाउस के अधिकारी यह चेतावनी देख सकते हैं। लेकिन पूरे फरवरी में अमेरिका ने महामारी की रोकथाम पर कोई प्रभावी उपाय नहीं अपनाया.