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कोरोना वायरस : गरीबी की रेखा से नीचे जा सकती है पाकिस्तान की 60 फीसदी आबादी

कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पाकिस्तान की पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और तबाही की शिकार हो सकती है. एक अनुमान में कहा गया है कि देश की 20 करोड़ से कुछ अधिक आबादी में से साढ़े बारह करोड़ लोग गरीबी की रेखा के नीचे जा सकते हैं.

Updated on: 28 Mar 2020, 07:13 AM

इस्लामाबाद:

कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पाकिस्तान की पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और तबाही की शिकार हो सकती है. एक अनुमान में कहा गया है कि देश की 20 करोड़ से कुछ अधिक आबादी में से साढ़े बारह करोड़ लोग गरीबी की रेखा के नीचे जा सकते हैं. अभी देश में पांच से छह करोड़ बेहद गरीब की श्रेणी में हैं. 'जंग' में प्रकाशित रिपोर्ट में यह अंदेशा जताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना आयोग के डिप्टी चेयरमैन मोहम्मद जहांजेब खान की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में अंदेशा जताया गया कि कोरोना वायरस के कारण हुई तबाही का भयावह नतीजा पाकिस्तान की जीडीपी को भुगतना पड़ सकता है और देश में अभी गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजार रही पांच से छह करोड़ की आबादी बारह से साढ़े बारह करोड़ तक पहुंच सकती है.

बैठक में पाकिस्तान इंस्टीट्यूट आफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स को जिम्मेदारी दी गई कि वो कोरोना वायरस के कारण पाकिस्तान की जीडीपी पर पड़ने वाले नकारात्मक असर का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट दे.

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बैठक में अंदेशा जताया गया है कि कोरोना वायरस के कारण ठप पड़ गईं आर्थिक गतिविधियों से पाकिस्तान में करोड़ों लोगों के एक साथ बेरोजगार होने का खतरा पैदा हो गया है.