logo-image
लोकसभा चुनाव

जिस वैक्सीन पर टिकी थी दुनियाभर की नजर, उसी ने दिया सबसे बड़ा झटका!

कोरोना की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर के डॉक्टर और एक्सपर्ट्स लगे हुए हैं. इस बीच एस्ट्राज़ेनेका (AstraZeneca) और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन covid-19 Vaccine) के ह्यूमन ट्रायल को बीच में ही रोक दिया गया है.

Updated on: 09 Sep 2020, 09:24 AM

नई दिल्ली:

कोरोना की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर के डॉक्टर और एक्सपर्ट्स लगे हुए हैं. इस बीच एस्ट्राज़ेनेका (AstraZeneca) और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन (Oxford covid-19 Vaccine) के ह्यूमन ट्रायल को बीच में ही रोक दिया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि टेस्टिंग में शामिल व्यक्ति की बीमार पड़ गया है और उसकी बीमारी के बार में अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है.

AZD1222 नाम की वैक्सीन ट्रायल के मामले फिलहाल बाकी वैक्सीन से आगे चल रही है. कई देशों की खबरें इस दवा पर टिकी हुई हैं. वहीं एस्ट्राज़ेनेका ने एक बयान जारी में कहा है कि यह रूटीन रुकावट है, क्योंकि टेस्टिंग में शामिल व्यक्ति की बीमारी के बारे में अभी तक कुछ समझ में नहीं आ रहा है.


दुनियाभर में कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी की चपेट में तेजी से लोग आ रहे हैं. हालांकि, एक बार फिर से सुरक्षा उपायों के साथ कारोबार को खोला जा रहा है, लेकिन अब भी लोगों का सवाल है कि आखिर दुनिया को कब तक कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) मिलेगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इसके लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ा सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता का कहना है कि दुनियाभर में वह कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की उपलब्धता अगले साल के मध्य से पहले उम्मीद नहीं कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कड़ाई से जांच करने और सुरक्षा पर फोकस दिया है.

जेनेवा में प्रवक्ता मारग्रेट हैरिस ने एक ब्रीफिंग के दौरान पत्रकारों से कहा कि अगले साल के मध्य से पहले तक हम दुनियाभर में व्यापक रूप से कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता की उम्मीद नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का हवाला देते हुए कहा कि तीसरा चरण लंबा होगा, क्योंकि हमें यह देखने की जरूरत है कि ये कितना हकीकत में सुरक्षा करती है और यह कितना सुरक्षित है.