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अमेरिका में Corona की Booster Dose को मंजूरी, जानें किसे लगेगा टीका

कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए इजरायल और जर्मनी जैसे कुछ अन्य देशों ने वैक्सीन की तीसरी डोज लगाना शुरू भी कर दिया है.

Updated on: 13 Aug 2021, 01:19 PM

highlights

  • हाई रिस्क ग्रुप में आने वाले लोगों को लगेगी टीके की तीसरी डोज
  • ऑर्गन ट्रांसप्लांट और कैंसर से जूझ रहे रोगियों को प्राथमिकता
  • डेल्टा वैरिएंट कर रहा है लोगों के प्रतिरक्षा तंत्र को और कमजोर

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिका (America) में कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाने को मंजूरी मिल गई है. अमेरिका में कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों को वैक्सीन की तीसरी यानी बूस्टर डोज लगाई जाएगी. अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मॉडर्ना और फाइजर (Pfizer) वैक्सीन की तीसरी डोज के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इन वैक्सीन की तीसरी डोज उन लोगों को लगाई जाएगी जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए इजरायल और जर्मनी जैसे कुछ अन्य देशों ने वैक्सीन की तीसरी डोज लगाना शुरू भी कर दिया है. बूस्टर डोज के जरिये ये देश कोरोना की तीसरी लहर के कहर से बचाव करने की जुगत में हैं.

अंग प्रत्यारोपण और कैंसर रोगी पहली प्राथमिकता
अमेरिका में एफडीए के कार्यवाहक आयुक्त जेनेट वुडकॉक ने कहा है कि उपलब्ध आंकड़ों की गहन समीक्षा के बाद संस्था ने निर्धारित किया कि यह छोटा, कमजोर समूह फाइजर-बायोएनटेक या मॉडर्न वैक्सीन की तीसरी डोज से फायदा पा सकता है. अमेरिकी हेल्थ रेगुलेटर ने कुछ लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज के लिए अनुमति देने के लिए ‘इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन’ में संशोधन किया है. इसमें अंग प्रत्यारोपण कराने वाले लोगों और उन लोगों की स्थितियों को शामिल किया गया, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है. मसलन जिन मरीजों का कोई ट्रांसप्लांट हुआ है या फिर वे कैंसर जैसे घातक रोग से पीड़ित हों. 

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इजरायल और जर्मनी में भी लग रही है बूस्टर डोज
अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में डेल्टा वैरिएंट के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना की एक और बड़ी लहर की आशंका जताई जा रही है. इज़रायल और जर्मनी जैसे देशों में पहले से ही हाई रिस्क मरीजों को वैक्सीन की तीसरी डोज़ दी जा चुकी है. अब अमेरिका में फाइज़र और मॉर्डना वैक्सीन की तीसरी डोज़ लोगों को लगाई जाएगी. इस वैक्सीन के दो डोज़ के बीच का अंतर चार हफ्तों का रखा जाता है. आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में 3 फीसदी हाई रिस्क ग्रुप वाले मरीज़ हैं. फिलहाल फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने ये साफ किया है कि आम लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज़ नहीं दी जाएगी. हाल ही में अमेरिका में एक स्टडी की गई है जिसके मुताबिक ट्रंसप्लांट कराने वाले 650 मरीजों में देखा गया कि वैक्सीन की दो डोज़ लेने के बाद भी उनके शरीर में सिर्फ आधी एंटीबॉडी बची थीं.

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कोरोना को लेकर चेतावनी
अमेरिका की लोक स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगले चार हफ्तों में देश में कोविड-19 के मरीजों के अस्पतालों में भर्ती होने और उनकी मौत होने की संख्या में खासी वृद्धि हो सकती है. साथ ही, देश के बड़े हिस्से में सामने आ रहे नए मामले कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वैरिएंट के हैं. यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपने अनुमान में कहा कि 6 सितंबर को 9,600 से 33,300 नए कोविड मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा सकता है. वहीं चार सितंबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में 3,300 से 12,600 लोगों की मौत हो सकती है. सीएनएन की खबर के अनुसार देश के दक्षिणी हिस्से में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है, वहीं कुछ मरीजों को सामान्य दिनों में मिलने वाला इलाज नहीं मिल पा रहा है. इसमें कहा गया है कि देश का बड़ा हिस्सा कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से जूझ रहा है जो इसके पहले के स्वरूप की तुलना में दोगुना संक्रामक है. सीडीसी ने एक बयान में कहा कि अगले चार हफ्तों में 9,600 से 33,300 नए कोविड मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराए जाने का अनुमान है.