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लौट आया कोरोना, नए सबवैरिएंट से सहम गया अमेरिका और ब्रिटेन, जानें कितना है खतरनाक

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के पहले चरण की तुलना में अभी बहुत कम टेस्टिंग और मॉनिटरिंग होने का दावा किया है. डब्ल्यूएचओ ने बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट ईजी.5.1 तेजी से पैर पसार रहा है.

Updated on: 14 Aug 2023, 03:49 PM

नई दिल्ली:

भारत समेत दुनिया में कोरोना के मामले पिछले कुछ महीनों से बेहद कम और ना के बराबर आ रहे थे. कोरोना केस कम होने से लोगों को बड़ी राहत मिली थी. लोग बेफिक्र होकर बाहर आ जा रहे थे. भीड़भाड़ वाले इलाके में भी लोग बिना रोक टोक चले जा रहे थे. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कोविड ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी को हटा दिया था, लेकिन बीते एक महीने में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले में तेजी देखने को मिली है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी सप्ताहिक रिपोर्ट में यह खुलासा किया है कि दुनियाभर में  कोरोना नए वैरिएंट के मामलों में 80 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि दुनिया में कोरोना के वायरस फैलता रहेगा. इससे अस्पताल में भर्ती होने और कभी-कभी मौत के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी देखने भी मिल सकती है. 

EG.5.1 वैरिएंट है खतरनाक

 विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वीकली रिपोर्ट में कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब-वैरिएंट ईजी.5.1 के कारण अमेरिका और ब्रिटेन में मामले बढ़े हैं. जून 2023 के मध्य में इस ईजी.5 के 7.6 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए थे. वहीं, जुलाई के मध्य तक यह 17 प्रतिशत तक पहुंच गए थे. एक महीने में ही ईजी 5.1 के कुल मामलों में लगभग 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ. हालांकि, भारत में कोरोना के नए मामले में ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज नहीं की गई है. यहां ईजी 5.1 वैरिएंट की रफ्तार बेहद कम है. 

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भारत में ईजी.5.1 की रफ्तार कम

भारत में अभी तक ईजी.5.1 वैरिएंट का केवल एक मामला मई 2023 में सामने आया था. डब्ल्यूएचओ ने 19 जुलाई 2023 को ईजी.5.1 पर बारीकी ने नजर रखने के लिए कहा था. डब्ल्यूएचओ चीफ टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने चेतावनी दी कि 'आने वाले समय में अधिक खतरनाक वैरिएंट उभरने का खतरा बना हुआ है जो मामलों और मौतों में अचानक वृद्धि का कारण बन सकता है.