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Corona ने दुनिया भर में 166 दिनों में ली 20 लाख जान, आंकड़ा 40 लाख पार

दुनिया में पांच देश ऐसे हैं जहां कुल आंकड़ों की 50 प्रतिशत मौते हुई हैं.

Updated on: 18 Jun 2021, 08:41 AM

highlights

  • दुनिया पर में मौत का आंकड़ा 40 लाख के पार जा चुका है
  • मौतों को 20 लाख तक पहुंचने में एक साल का समय लगा
  • 40 लाख तक पहुंचने में केवल 166 दिनों का समय लगा

वॉशिंगटन:

कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है. जानलेवा वायरस हर रोज हजारों लोगों को लील रही है. इस बीच कई देशों में कोविड-19 की तीसरी लहर ने भी दस्तक दे दी है, तो भारत जैसे कई देशों को कोरोना की तीसरी लहर की आशंका सता रही है. इस बीच पूरी दुनिया में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 40 लाख के पार पहुंच गया है. यह स्थिति तब है जब अधिसंख्य देशों में लोगों को कोरोना कहर से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण (Vaccination) अभियान चल रहा है. फिर भी कोरोना वायरस नित नए-नए रूपों से लोगों में खौफ पैदा कर रह है. मसलन हाल-फिलहाल डेल्टा प्लस वैरिएंट दुनिया भर के लिए अपनी भयावहता को लेकर चिंता का विषय बना हुआ है.

166 दिनों में कोरोना ने ली 20 लाख जान
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक दुनिया पर में मौत का आंकड़ा 40 लाख के पार जा चुका है. कोरोना वायरस से हुई मौतों को 20 लाख तक पहुंचने में एक साल का समय लगा, लेकिन मौत के आंकड़े को 40 लाख तक पहुंचने में केवल 166 दिनों का समय लगा. दुनिया में पांच देश ऐसे हैं जहां कुल आंकड़ों की 50 प्रतिशत मौते हुई हैं. इनमें अमेरिका, ब्राजील, भारत, रूस और मेक्सिको सबसे आगे हैं. वहीं पेरू, हंगरी, बोस्निया चेक गणराज्य और जिब्राल्टर में मृत्यु दर सबसे अधिक है.

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दूसरी लहर में युवा आए ज्यादा चपेट में
बोलिविया, चिली और उरुग्वे के अस्पतालों में भारी मात्रा में 25 से 40 साल के बीच के कोरोना मरीजो को देखा जा रहा है. बताया जा रहा है कि पहली लहर के बाद दूसरी लहरों में युवा ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं. वहीं ब्राजील के साओ पाउलो में आईसीयू में रहने वालों में से 80 प्रतिशत मरीज कोरोना संक्रमित हैं. ब्राजील और भारत ऐसे देश हैं जहां सात दिनों की औसत पर हर दिन सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की जा रही हैं. बढ़ती मौतों के कारण विकासशील देशों में लोगों का अंतिम संस्कार करने की ले लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है. अभी दाह संस्कार और लाशों को दफनाने के लिए जगह की जबर्दस्त कमी का सामना करना पड़ रहा है.