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Visa Free: चीनी टूरिस्ट के लिए देशों में होड़ शुरू, कई देशों ने किया वीजा फ्री का ऐलान

एक रिपोर्ट के अनुसार चीनी नागरिकों ने करीब 27 बिलियन डॉलर विदेश यात्रा के दौरान खर्च किए. अब सिंगापुर ने चीनी नागरिकों को लुभाने के लिए वीजा फ्री करने का ऐलान कर दिया है.

Updated on: 09 Feb 2024, 11:11 PM

नई दिल्ली:

Visa Free: टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कई देश धीरे धीरे अपने दरवाजे पूरी दुनिया के लिए खोल रहे हैं. हर देश चाहता है कि उसके देश में सबसे अधिक पर्यटक आए. इसके लिए वो विदेशी पर्यटकों को कई तरह के ऑफर दे रहे हैं. एक आंकड़े की माने तो पूरी दुनिया में चीनी नागरिक सबसे अधिक टूरिज्म पर खर्च करते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए कई देश अब चाहते हैं कि चीनी टूरिस्ट उनके देश में खर्च करें. इसके लिए कई देशों ने कुछ खास कदम उठाया है. 

पर्यटकों को लुभाने की कोशिश

एक रिपोर्ट के अनुसार चीनी नागरिकों ने करीब 27 बिलियन डॉलर विदेश यात्रा के दौरान खर्च किए. अब सिंगापुर ने चीनी नागरिकों को लुभाने के लिए वीजा फ्री करने का ऐलान कर दिया है. एक चीनी नागरिक वेई जो ऑस्ट्रेलिया जाने वाला था लेकिन जैसे ही उसे पता चला कि सिंगापुर ने चीनी नागरिकों के लिए वीजा फ्री कर दिया है. उसने तुरंत अपना प्लान कैंसिल कर सिंगापुर का दौरा 6 दिनों के लिए शुरू कर दिया. इतना ही उसे पता चला कि साउथ एशिया में थाइलैंड और मलेशिया ने भी वीजा फ्री देने का ऐलान किया है. वो वहां भी जाना चाहता था लेकिन  सिंगापुर में 24 फरवरी से एयरशो होने जा रहा है इसलिए जाना कैंसिल कर दिया. 

सिंगापुर थाइलैंड मलेशिया का वीजा फ्री 

अब वेई के साथ-साथ लाखों ऐसे चीनी नागरिक है जो विदेश यात्रा का प्लान बना रहे हैं. वो सिंगापुर, थाइलैंड और मलेशिया की यात्रा करने के लिए तैयार हैं. अब दक्षिण एशिया की ये सभी देश चीनी पर्यटकों को लुभाने के लिए वीजा फ्री का ऐलान किया है. उन्हें लगता है इससे चीनी नागरिक उनके देश आएंगे और पैसा खर्च करेंगे. इससे उनके टूरिज्म इंडस्ट्री को फायदा होगा. 

मजबूत पासपोर्ट

चीनी पर्यटक अक्सर वीजा लेने में लगने वाले समय और परेशानी के बारे में कंप्लेन करते हैं. आपको बता दे कि हेनले पासपोर्ट इंडेक्स पर अनुसार चीन का पासपोर्ट 199 देशों में 62वें स्थान पर है. वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि वीजा में छूट देने से होलिडे डेस्टिनेशन और आकर्षक हो जाएगा. हालांकि चीन की धीमी विकास दर, नौकरी की अनिश्चितता और इस साल आय में गिरावट की वजह से किसी भी दूसरे देश की यात्रा पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. वहीं मालदीव की सरकार ने भी चीनी सरकार से अपने नागरिकों को भेजने की मांग कर चूकी है.