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अमेरिका के एरबिल और अल असद एयरबेस पर हमले का जानें क्‍या था कोडवर्ड

व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हमले के बारे में सूचित किया गया है और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के संपर्क में हैं, जबकि ईरान की सरकारी मीडिया ने कहा है कि रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने हमले को अंजाम दिया.

Updated on: 08 Jan 2020, 10:11 AM

वाशिंगटन:

मध्य इराक में बुधवार सुबह (स्थानीय समयानुसार) अल असद एयरबेस पर कम से कम 10 रॉकेटों से हमले किए गए, जहां कई अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. गौरतलब है कि पिछले सप्ताह अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलमानी मारे गए थे, जिसके बाद से अमेरिका और ईरान के रिश्तों में तल्खी बढ़ गई है. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि मिसाइल हमले में कोई हताहत हुआ है या नहीं या अड्डे में किस तरह का नुकसान हुआ है. यह भी पक्के तौर पर ज्ञात नहीं है कि कितनी मिसाइलें दागी गईं या वे किस प्रकार की थीं. 'ओह जाहरा' कोडवर्ड के साथ यह हमला बोला गया था.

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व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हमले के बारे में सूचित किया गया है और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के संपर्क में हैं, जबकि ईरान की सरकारी मीडिया ने कहा है कि रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने हमले को अंजाम दिया.

ईरान की समाचार एजेंसी आईएसएनए के मुताबिक, "आज सुबह, (ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड) के लड़ाकों ने 'ओह जाहरा' कोड के साथ आक्रामक अमेरिकी फोर्सेज 'एन अल असद' पर 10 मिसाइलें दाग कर ऑपरेशन शहीद सुलेमानी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया."

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एबीसी न्यूज ने बताया कि एक अमेरिकी अधिकारी ने पुष्टि की है कि इराक में कई अमेरिकी सैन्य अड्डों पर ईरान के अंदर से 'बैलिस्टिक मिसाइलों' को दागा गया, जिसमें उत्तरी इराक में एरबिल और पश्चिमी इराक में अल असद एयर बेस शामिल हैं.