इस वक्त दुनिया दहशत में है. क्योंकि चीन द्वारा बनाई आसमानी आफत जल्द ही धरती में प्रवेश करने वाली है. चीन का लॉन्ग मार्च 5 बी रॉकेट का मलबा को पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने वाला है. इस मलबे पर चीन ने निगाह बना रखी है. चीन का कहना है कि इस बार रिस्क थोड़ा ज्यादा है हालांकि, मलबे का अधिकतर हिस्सा पहले ही वायुमंडल के घर्षण से जलकर राख हो जाएगा. 25-टन का ये भारी रॉकेट 24 जुलाई को चीन के अधूरे तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन को वेंटियन प्रयोगशाला केबिन मॉड्यूल को पहुंचाने के लिए लॉन्च किया गया था. हालांकि वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस रॉकेट का मलबा पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करेगा.
चीन ने निगाहें बनाए रखी है
चीन से आने वाली आसमानी आफत जल्द ही धरती में प्रवेश करेगी. आज चीन का लॉन्ग मार्च 5 बी रॉकेट का मलबा पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने वाला है. इस मलबे पर चीन ने निगाहें बनाए रखी है. चीन का कहना है कि इस बार रिस्क थोड़ा ज्यादा है हालांकि, मलबे का अधिकतर हिस्सा पहले ही वायुमंडल के घर्षण से जलकर राख हो जाएगा. आपको बता दें 25-टन भारी ये रॉकेट 24 जुलाई को चीन के अधूरे तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन को वेंटियन प्रयोगशाला केबिन मॉड्यूल को पहुंचाने के लिए लॉन्च किया गया था. वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस रॉकेट का मलबा 30 जुलाई यानि आज शाम को 7:24 बजे पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करेगा.
रॉकेट का मलबा धरती के वायुमंडल में दिखाई देता रहेगा
इस पर वैज्ञानिकों का कहना है कि करीब 16 घंटे तक इस रॉकेट का मलबा धरती के वायुमंडल में दिखाई देता रहेगा, लेकिन अभी तक ये नहीं पता चला है कि चीनी रॉकेट धरती के किस जगह पर गिरने वाला है. मलबे के गिरने वाले संभावित इलाकों में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, ब्राजील और दक्षिण पूर्व एशिया शामिल हैं.आपको बता दें रॉकेट का बूस्टर, आमतौर पर सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली पार्ट होता है. आमतौर पर रॉकेट बूस्टर को ऐसे समय पर मेन रॉकेट से अलग किया जाता है जब समुद्र में बिना किसी को नुकसान पहुंचाए गिराया जाए लेकिन, चीन के लॉन्ग मार्च 5B का बूस्टर इंजन अलग तरीके का है.
पहली घटना मई 2020 में घटी
आपको बता दें कि चीनी रॉकेट दो साल में तीसरी बार अनियंत्रित होकर गिरने जा रहा है. इसकी पहली घटना मई 2020 में घटी थी जब अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट के गांवों में धातुओं की बारिश हुई थी, हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था. वहीं दूसरी घटना मई 2021 में में हुई थी, तब चीनी रॉकेट का मलबा हिंद महासागर में बिना किसी को नुकसान पहुंचाए गिर गया था लेकिन, बाकी के दो रॉकेट की तुलना में लॉन्ग मार्च 5B बूस्टर काफी बड़ा है. ये रॉकेट अपनी अनियंत्रित रिएंट्री के दौरान बड़े आकार के कारण यह वायुमंडल के घर्षण से पूरी तरह जल नहीं पाएगा. ऐसे में इसके बड़े टुकड़े के धरती के किसी भी हिस्से में गिरने की संभावना ज्यादा है.
अंतरिक्ष मलबा कुछ हिस्सों में गिर सकता है
एयरोस्पेस कॉरपोरेशन के अंतरिक्ष मलबा के विशेषज्ञ मार्लन सोरगे का कहना है कि रॉकेट का कुछ हिस्सा जमीन पर भी गिर सकता है बताया जा रहा है कि चीन के लॉन्ग मार्च 5B बूस्टर का 20 से 40 फीसदी हिस्सा जमीन पर पहुंच जाएगा. हालांकि, इसकी मात्रा वस्तु की बनावट पर भी निर्भर करती है. आमतौर पर हम देखते हैं कि रॉकेट के अंतिम स्टेज में फ्यूल टैंक काफी छोटा होता है, लेकिन इंजन का हिस्सा काफी बड़ा होता है. ऐसे में रॉकेट का इंजन और उसका टैंक एक साथ धरती में प्रवेश कर सकते हैं. ऐसे में जो भी वस्तु जलेगी नहीं, वो काफी तेज रफ्तार से धरती पर गिरेगी.
आखिरी में बात करें रॉकेट के मलबे से कितना खतरा होगा तो आपको बता दें द एयरोस्पेस कॉरपोरेशन के मुताबिक,दुनिया की 88% से अधिक आबादी रॉकेट के ऑर्बिटल फुटप्रिंट के नीचे स्थित है. ऐसे में वायुमंडल में जलने से बचे कुछ मलबे आबादी वाले इलाकों में भी गिर सकते है.लेकिन किसी व्यक्ति के उपर मलबा गिरने की संभावना बिजली गिरने की तुलना में लगभग 80,000 गुना कम है.
Source : News Nation Bureau