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भारत को घेरने के चक्कर में कर्ज के दलदल में फंस गई चीन की अर्थव्यवस्था, IMF ने दी सख्त चेतावनी

चीन का भारी कर्ज 'खतरनाक' मोड़ ले चुका है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारी-भरकम कर्ज को लेकर बीजिंग को चेतावनी देते हुए रिफॉर्म में तेजी लाने की अपील की है।

Updated on: 15 Aug 2017, 07:52 PM

highlights

  • मंदी के मुहाने पर चीन, भारी-भरकम कर्ज को लेकर IMF ने चेताया
  • दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर 6.9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर्ज की गई थी

नई दिल्ली:

एशिया में भारत को घेरने की रणनीति में जुटा चीन का भारी कर्ज 'खतरनाक' मोड़ ले चुका है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारी-भरकम कर्ज को लेकर बीजिंग को चेतावनी देते हुए रिफॉर्म में तेजी लाने की अपील की है।

आईएमएमफ ने आगाह करते हुए कहा है भारी कर्ज की स्थिति चीन को मंदी की तरफ धकेल सकती है। आईएमएफ लगागार चीन को कर्ज के बढ़ते बोझ को लेकर चेतावनी देता रहा है।

आईएमएफ ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय अनुभव बताता है कि चीन में कर्ज की स्थिति खतरनाक मोड़ ले रही है और इससे मंदी का खतरा बढ़ रहा है।'

गौरतलब है कि चीन जहां दक्षिण चीन सागर में आक्रामक है वहीं एशिया में अपना प्रभुत्व बढ़ाने के मकसद से 'वन बेल्ट वन रोड' परियोजना को पूरा करने में लगा हुआ है। इस प्रोजेक्ट का मकसद एशियाई देशों, अफ्रीका, चीन और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी और सहयोग में सुधार लाना है।

भारत की घेरेबंदी के लिए चीन, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में बड़े परियोजनाओं की फंडिंग करता रहा है, जिसका दबाव वहां की अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा है। इसी रणनीति के तहत वह पाकिस्ता के कब्जे वाले कश्मीर में 45 अरब डॉलर की लागत से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का निर्माण कर रहा है, जो ओबीओआर का हिस्सा भी है।

चीन का मौजूदा कर्ज का खतरनाक स्तर उसकी वैश्विक विस्तार की महत्वाकांक्षा को पटरी से उतार सकता है। 

आईएमएफ ने मौजूदा वर्ष के लिए चीन का जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.7 फीसदी रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी के मुकाबले देश का कुल कर्ज पिछले साल के 235 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 290 फीसदी हो सकता है।

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गौरतलब है कि मौजूदा सुस्ती के माहौल में चीन की आर्थिक वृद्धि दर दुनिया के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

गौरतलब है कि इससे पहले चीन की अर्थव्यवस्था में दूसरी तिमाही में उम्मीद से बेहतर 6.9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर्ज की गई थी। हालांकि सरकार ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती बढ़ने के खतरे को लेकर आगाह किया था। पहली तिमाही में भी चीन की ग्रोथ रेट 6.9 फीसदी रही थी।

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