इस्लामीकरण के खिलाफ चीनी सरकार ने अपना अभियान तेज कर दिया है. इस अभियान के मद्देनजर बीजिंग में इस्लाम से जुड़े प्रतिकों हटाया जा रहा है. दरअसल प्रशासन बीजिंग की हर जगह से अरबी भाषा में लिखे शब्दों और इस्लाम समुदाय के प्रतीकों को मिटाने में लगा हुआ है. बड़े रेस्टरा से लेकर स्टॉल तक अधिकारी लोगों से मुस्लिम प
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके तहत अधिकारियों में बीजिंग में दुकानदारों और कर्मचारियों को आदेश दिए हैं कि वे इस्लाम से जुड़ी सभी तस्वीरों को अपनी दुकानों से हटाएं. दरअसल इन अधिकारियों का कहना है कि लोगों इन विदेशी संस्कृती की बजाय ज्यादा से ज्यादा चीनी सभ्यता को अपनाना चाहिए.
यह भी पढ़ें: 3 साल की मासूम बच्ची को मां के पास से सोते में किया अगवा, दुष्कर्म के बाद सिर किया अलग
दरअसल चीन का ये कैंपेन 2016 से जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कैंपेन के तहत मध्य-पूर्वी शैली में बनी मस्जिद गुंबदों को भी तोड़ा जा रहा है और उन्हें चीनी शैली के पगौडा में तब्दील किया जा रहा है. खबरों के मुताबिक इन सब की शुरुआत 2009 से हुई थी जब शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिम समुदाय और हान चीनी नागरिकों के बीच दंगे भड़क गए थे. इसके बाद से ही चीन ने कथित आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया था. चीन के मुस्लिमों के खिलाफ व्यवहार को लेकर पश्चिमी देशों में जमकर आलोचना हो रही है.
यह भी पढ़ें: उन्नाव रेप कांड में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, UP से बाहर होगी जांच, CBI से स्टेटस रिपोर्ट तलब
हालांकि चीन का रुख केवल मुस्लिमों तक सीमित नहीं है. खबरों के मुताबिक प्रशासन ने कई अंडग्राउंड चर्च को भी बंद करवाया है. कई चर्च के क्रॉसेस को सरकार ने अवैध घोषित कर हटा दिया है.
Source : News Nation Bureau