उइगर मुसलमानों पर चीन का अत्याचार आया दुनिया के सामने, अब कहां मुंह छिपाएगा ड्रैगन
उत्तर पश्चिम में बसा शिनजियांग चीन का सबसे बड़ा प्रांत है जिसकी सीमाएं दुनिया के 8 देशों के साथ लगती है। यह 18 वीं सदी तक चीन का हिस्सा नहीं था। 18 वी सदी में चीन ने इस पर अपना कब्ज़ा किया।
नई दिल्ली:
उत्तर पश्चिम में बसा शिनजियांग चीन का सबसे बड़ा प्रांत है जिसकी सीमाएं दुनिया के 8 देशों के साथ लगती है। यह 18 वीं सदी तक चीन का हिस्सा नहीं था। 18 वी सदी में चीन ने इस पर अपना कब्ज़ा किया। यहाँ के लोग संस्कृति और भाषा में चीन से मेल नहीं खाते थे। 1949 में चीन में गृहयुद्ध छिड़ा तो शिनजियांग ने खुद को आज़ाद घोषित कर दिया, उसी साल कम्युनिस्ट चीन ने इस पर फिर से अपना कब्ज़ा जमा लिया। यहाँ के बहुसंख्यक आबादी उइगर मुसलमानों की थी जिन पर चीन दुनिया की नज़रों से छिप कर हमेशा से अत्याचार करता आया है। लम्बे समय के इंतज़ार के बाद यूनाइटेड नेशंस ने चीन में उइगर मुसलमानो पर हो रहे अत्याचारों की रिपोर्ट जारी की है... इस रिपोर्ट में दिल दहला देने वाले खुलासे किये गए है। इस रिपोर्ट से चीन की प्रतिष्ठा धूमिल हो गयी है। पकिस्तान जैसे कट्टर इस्लामिक देशों से दोस्ती रखने वाले चीन की असल में इस्लाम के प्रति का सोच है यह सच्चाई उजागर हुई है। 31 अगस्त को रिपोर्ट जब दुनिया के सामने आई तो ये देख चीन बौखला उठा और उसने तुरंत बिना समय बर्बाद किये इस रिपोर्ट का खंडन किया। क्या कहती है ये रिपोर्ट ? क्या है उइगर मुसलमानो पर चीन के अत्याचार की कहानी? आइये हम आपको अपनी रिपोर्ट के माध्यम से समझाने का प्रयास करते है।
कौन है उइगर मुसलमान और क्यों चीन इन पर कर रहा उत्पीड़न?
चीन में रह रहे उइगर मुसलमान तुर्क जातीय समूह से संबंध रखते है , ये लोग मध्य पूर्व एशिया के रहने वाले है। चीन में 55 अल्पसंख्यक समुदायों को आधिकारिक मान्यता मिली है , उइगर उन्ही में शामिल है। चीन के शिनजियांग प्रांत में सबसे बड़ी आबादी उइगर मुसलमानो की मानी जाती है। शिनजियांग में कुल 2.5 करोड़ की आबादी है, जिनमें हान जातीय समुदाय की आबादी 1 करोड़ है जबकि उइगर मुस्लिमों की संख्या 1.4 करोड़ है। 1953 में इनकी संख्या 44 लाख थी जो की 2020 में बढ़कर 1.4 करोड़ हो गयी। कथित तौर पर ऐसा कहा जाता है कि यह लोग चीन से अलग होना चाहते है। जब यह चीन के बनाये किसी कानून का विरोध करते हैं तो इन्हे तरह-तरह की यातनाएं दी जाती है, उन्हें कुचलने की कोशिश की जाती हैं । चीन के अलग-अलग हिस्सों से हान समुदाय को ला कर यहाँ बसाया जाता था। इससे पहले भी कितनी बार शिनजियांग से निकल कर कई मुसलमानो ने चीन में उनपर हो रहे अत्याचार और नरसंहार की कहानी को बयां किया है। चीन ने ना केवल इनकी जनसंख्या को काबू करने की कोशिश की बल्कि इनकी भाषा और संस्कृति को भी दबाने का प्रयास किया। इन पर चीन अपनी भाषा और संस्कृति थोपने का प्रयास करता रहता है। इन पर अपना धर्म छोड़ने का दबाव बनाया जाने लगा। "कल्चरल रेवेलूशन" के नाम पर इन पर बहुत अत्याचार हुए जिस कारण एक बहुत बड़ा उइगरों का समूह मिलिटेंसी की तरफ बढ़ने लगा। इसे चीन ने अपनी राष्ट्र सुरक्षा के लिए खतरा माना और उन्होंने उइगरों पर उत्पीड़न और तेज़ कर दिया। 2009 में उइगरों और हान के बीच में हिंसक झड़प हुई जिसमे 156 लोग मारे गए। इसके बाद वहां पर सुरक्षा को और ज़्यादा बढ़ा दिया गया। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने चेन Quanguo को शिनजियांग का सेक्रेटरी नियुक्त किया,इससे पहले वह तिब्बत के सेक्रेटरी थे। उन्होंने आते ही सबसे पहले शिनजियांग में पुलिस बल की संख्या में इजाफा किया. वहां की जनसंख्या को तीन हिस्सों में बाँट दिया गया।
1) जिन पर बिलकुल भरोसा नहीं किया जा सकता।
2) सामान्य लोग।
3) जिन पर भरोसा किया जा सकता था।
Quangua ने शिनजियांग के उइगरों पर कई तरह के धार्मिक प्रतिबंध लगा दिए जिसमे नमाज़ पर प्रतिबंध, रोज़े पर प्रतिबंध, महिलाओं के बुरखा पहनने पर प्रतिबंध आदि। उन्हें सुअर का मॉस खाने को विवश किया जाने लगा, वह अपनी कम्युनिटी में शादी नहीं कर सकते थे , यदि अपने बाहर रहने वाले रिश्तेदारों को फोन कर लें तो अरेस्ट हो जाएंगे। उसके बाद Quangua ने नज़र बंद शिविरों की शुरआत की और आदेश दिए कि इन्हे मिलिट्री कैम्प्स की तरह चलाया जाए। साल 2018 में जब अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारों ने इन शिविरों में मुसलमानो के साथ हो रहे अत्याचार का दावा किया तो चीन ने उसे सीरे से नकार दिया।
UN की रिपोर्ट के अनुसार डिटेंशन सेण्टर में कैद है लाखो उइगर मुस्लिम , उनकी नसबंदी का किया जा रहा दावा
UN ने UN मानवाधिकार आयुक्त मिशेल बाचेलेट का कार्यकाल पूरा होने से ठीक पहले जेनेवा में शिनजियांग के उइगर मुसलमानो पर आधारित इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया। इस रिपोर्ट में कुल 48 पन्ने है , UN ने इस रिपोर्ट में दावा किया कि "शिनजियांग के डिटेंशन Centers में कैदियों को यातनाएं दी जाती है , जिनमे यौन उत्पीड़न और लिंग आधारित हिंसा, महिलाओं के साथ बलात्कार भी शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक 2017 से 2019 के बीच जन्म दर में 48.7% की गिरावट आई है। इस दौरान नसबंदी में तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ है। UN ने कहा कि " इन सेंटरों में रखे गए उइगरों को ड्रग्स दी जाती है और परिवार नियोजन के लिए जबरन इनकी नसबंदी की जाती है। UN ने चीन के इस कृत्य को मानवता के ख़िलाफ़ अपराध करार दिया है और चीन द्वारा अवैध और मनमाने ढंग से कैद में किये गए लोगो को तुरंत रिहा करने को कहा है।
चीन की प्रतिक्रिया
UN द्वारा जारी रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद चीन की बौखलाहट दुनिया के सामने नज़र आयी। जैसे ही मानवाधिकार आयोग ने रिपोर्ट को सार्वजनिक किया चीन ने बचाव का रुख अपनाते हुए 121 पन्नों की रिपोर्ट के साथ UN के आरोपों का जवाब दिया। चीन ने यह तर्क दिया कि "डी-रेडिकलाइजेशन" और व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्रों जैसे कार्यक्रम से शिनजियांग में तेज़ी से बढ़ रहे आतंकवाद में स्थिरता आई है। चीन ने एक ब्यान में कहा "यह तथाकथित मूल्यांकन एक राजनितिक दस्तावेज़ है जो तथ्यों की अनदेखी करता है , और एक राजनितिक उपकरण के रूप में मानवाधिकारों का उपयोग करने के लिए अमेरिका,पश्चिमी देशों और चीन विरोधी ताकतों के इरादों को पूरी तरह से उजागर करता है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार उइगर मानवाधिकार परियोजना के कार्यकारी निदेशक ओमर कनाट ने कहा कि "UN ने अब आधिकारिक तौर पर माना है कि भयानक अपराध हो रहे है।"
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: दिल्ली के प्राचीन हनुमान मंदिर में आज लगी है जबरदस्त भीड़, जानें इसका इतिहास
-
Jyotish Upay: आधी रात में भूत-प्रेत के डर से बचने के लिए मंत्र और उपाय
-
Hanuman Jayanti 2024 Wishes: आज हनुमान जयंती की पूजा के ये हैं 3 शुभ मुहूर्त, इन शुभ संदेशों के साथ करें सबको विश
-
Maa Laxmi Upay: देवी लक्ष्मी की चैत्र पूर्णिमा की रात करें ये उपाय, पाएं धन-वैभव और समृद्धि