तालिबान और चीन के रिश्ते पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया बड़ा खुलासा, कही ये बात
पर बाइडेन ने कहा कि तालिबान के साथ चीन की वास्तविक समस्या है. इसलिए पाकिस्तान, रूस और ईरान की तरह चीन भी शांति बनाए रखने के लिए एक दूसरे के साथ कुछ समझौता करने जा रहे हैं.
highlights
- चीन तालिबान के साथ करेगा समझौता
- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने समझौते को लेकर दिया जवाब
- दुनिया के हर मुल्क सोच रहे हैं कि अफगानिस्तान को लेकर क्या कदम उठाने चाहिए
नई दिल्ली :
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) की अंतरिम सरकार बन गई है. मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंदजादा अफगानिस्तान की कमान संभालेंगे. अफगानिस्तान को आर्थिक मदद कहां से मिलेगा, क्या चीन तालिबान को धन मुहैया कराएगा? इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ( US President Joe Biden) से सवाल किया गया. इस सवाल पर जो बाइडेन ने कहा कि तालिबान के साथ चीन (China) की वास्तविक समस्या है. इसलिए पाकिस्तान, रूस और ईरान की तरह चीन (China) भी शांति बनाए रखने के लिए एक दूसरे के साथ कुछ समझौता करने जा रहे हैं.
मंगलवार को मीडिया से बातचीत में जो बाइडेन ने अफगानिस्तान के साथ भविष्य के रिश्ते को लेकर जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए चीन भी तालिबान के साथ समझौता कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल सभी देश पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अब उन्हें क्या करना चाहिए.
China has real problem with Taliban. So they're going to try to work out some arrangement with Taliban, I'm sure. As does Pakistan, as does Russia, as does Iran. They're all trying to figure out what do they do now:US Pres when asked if he is worried that China would fund Taliban pic.twitter.com/cLFQ2zhNbp
— ANI (@ANI) September 8, 2021
चीन ने तालिबान से की थी मुलाकात
दरअसल अफगानिस्तान पर हुए कब्जे के कुछ हफ्ते पहले, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने दोनों देशों के बीच ‘मैत्रीपूर्ण संबंध’ विकसित करने के लिए अफगान तालिबान राजनीतिक आयोग मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की थी.
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तालिबान चीन से आर्थिक मदद की रखता है उम्मीद
कुछ दिन पहले तालिबान की चीन से आर्थिक मदद हासिल करने की इच्छा का खुलासा खुद प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने किया है. एक इतालवी अखबार ला रिपब्लिका को दिए साक्षात्कार में जबीहुल्ला ने कहा है कि तालिबान मुख्य रूप से चीन की आर्थिक मदद पर निर्भर है. चीन सबसे महत्वपूर्ण साझेदार है और तालिबान राज के लिए एक मौलिक और असाधारण अवसर का प्रतिनिधित्व करता है. चीन हमारे देश में निवेश और पुनर्निर्माण के लिए तैयार है.न्यू सिल्क रोड के साथ चीन व्यापार मार्ग खोलकर अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाना चाहता है. तालिबान ने हमेशा इसे प्राथमिकता दी है.
चीन की नजर अफगानिस्तान के खनिज संपदा पर
दरअसल अफगानिस्तान में करीब 200 लाख करोड़ रुपये की खनिज संपदा है. चीन की इसपर नजर है और इसलिए वह तालिबान की मदद कर रहा है. इसके साथ ही चीन अपने शिनजियांग प्रांत में उइगर आतंकी समूह पर रोक लगाने में भी तालिबान की मदद चाहता है.
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