दलाई लामा के अरुणाचल यात्रा पर चीन ने कड़ा ऐतराज जताया है। चीन ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो अपनी सीमाओं की संप्रभुता की रक्षा और हितों की रक्षा के लिये 'जरूरी कदम' उठाएगा। चीनी विदेश विभाग ने चीन में भारत के राजदूत विजय गोखले को समन किया और दलाई लामा की यात्रा पर विरोध भी दर्ज़ किया है।
दलाई लामा अरुणाचल की नौ दिन की यात्रा पर हैं और के तवांग जाने से पहले मंगलवार को बोमडिला पहुंचे हैं। यो वहीं रास्ता है जिससे वो चीनी हमले के बाद तिब्बत से भागकर भारत आए थे।
चीन पहले से ही दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा को लेकर विरोध कर रहा है। उसने भारत को चेतावनी दी थी कि दोनों देशों के रिश्ते गंभीर रूप से खराब होंगे।
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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ शुन यिंग ने कहा, 'भारत ने चीन की तमाम चिंताओं को दरकिनार कर हठपूर्वक दलाई लामा की यात्रा को मंजूरी दी है। इसके कारण चीन के हितों की अनदेखी हुई है और दोनों देशों के संबंधों को गंभीर रूप से क्षति पहुंची है।'
उन्होंने कहा, 'विवादित और संवेदनशील क्षेत्र में इस यात्रा का आयोजन किया जाना न सिर्फ भारत की तिब्बत को लेकर भारत की प्रतिबद्धता के विपरीत है, बल्कि सीमा पर विवाद को बढ़ावा भी दे रहा है।'
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भारत के केंद्रीय राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा था कि भारत कभी किसी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है ऐसे में चीन को भी भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये।
रिजिजू के बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'चीन किसी भी देश आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति अपनाता है। इस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है।'
उन्होंने कहा, 'लेकिन...... ये मुद्दा आंतरिक मामले से कहीं अधिक है।'
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Source : News Nation Bureau