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चीन ने अमेरिका को दी चेतावनी, कहा ताइवान में तैनात सैनिकों को हटाए

चीन ने अमेरिका को ताइवान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को हटाने की बात कही है. चीन ने कहा कि अगर अमेरिकी सेना ताइवान से नहीं हटती है, तो चीन ताइवान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को बर्बाद कर डालेगा और यह उनके लिए सही नहीं होगा.

Updated on: 19 Aug 2021, 07:34 AM

highlights

  • अमेरिकी सांसद के बयान पर भड़का चीन
  • चीन ने ताइवान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को हटाने की बात कही
  • सांसद ने कहा कि ताइवान में तीस हजार अमेरिकी सैनिक मौजूद

नई दिल्ली:

चीन ने अमेरिका को ताइवान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को हटाने की बात कही है. इस दौरान चीन ने अमेरिका को धमकी भी दे डाली. चीन ने कहा कि अगर अमेरिकी सेना ताइवान से नहीं हटती है, तो चीन ताइवान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को बर्बाद कर डालेगा और यह उनके लिए सही नहीं होगा. मालूम हो कि इस बीच अमेरिकी सांसद जॉन कॉर्निन ने ट्वीट के जरिए के कहा था कि ताइवान में तीस हजार अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं. हालांकि बाद में किन्हीं कारणों से इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया. लेकिन इस ट्वीट पर चीन की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है. चीन के सरकारी समाचार-पत्र ग्लोबल टाइम्स ने भी इस मामले में अमेरिकी सांसद पर टिप्पणी की है.

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चीन के समाचार-पत्र में भी छपी चेतावनी

चीन के सरकारी समाचार-पत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में लिखा गया है कि अगर जॉन कॉर्निन की बातें सही हैं तो ये एक सैन्य आक्रमण की तरह है. ये चीन के ताइवान प्रांत पर कब्जे की तरह है. ये पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा है. अमेरिकी सैनिकों को चीन बर्बाद कर देगा और खदेड़ देगा.

अमेरिका-चीन UNSC की बैठक में भिड़े थे

समुद्री सुरक्षा को लेकर बीते 10 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की उच्च स्तरीय बैठक में अमेरिका और चीन के बीच बहस हो गई थी. हालांकि इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की थी. अमेरिका ने बैठक के दौरान आरोप लगाया कि दक्षिणी चीन सागर में उसने चीन की तरफ से की गई अराजक गतिविधियां देखी गई हैं. इस पर चीन की तरफ से जवाब दिया गया कि अमेरिका के पास ऐसे 'गैर जिम्मेदाराना कमेंट' करने का कोई हक नहीं है और बिना सबूत के ऐसी कोई भी टिप्पणी अमेरिका नहीं कर सकता है.

चीन ने भेजे युद्धपोत और लड़ाकू विमान

इन सभी विवादों के बीच चीन ने मंगलवार को दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत और लड़ाकू विमान भेज दिए और अपनी शक्ति को भी अमेरिका के सामने प्रस्तुत किया. चीन ने बाद में शक्ति प्रदर्शन और दादागीरी दिखाने के लिए जमकर फायरिंग भी की. चीन ने अपने इस कदम से अमेरिका को सीधे संदेश देने की कोशिश की है और साथ ही चेतावनी भी दी है.