अगर चीन अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान की हर हाल में मदद और समर्थन देने के इरादे पर अटल है, तो भारत के मित्र देश भी हर हाल में पाकिस्तान की आतंकियों को शह देने की पोल खोलने पर आमादा हैं. इस खेमेबंदी का मुजाहिरा अगले महीने पेरिस में होने वाली एफएटीएफ की बैठक में जमकर होगा. गौरतलब है कि पाकिस्तान पर टेरर फंडिंग और मनी लांड्रिंग को लेकर ब्लैक लिस्ट होने की तलवार लटक रही है. चीन हालांकि उसका बचाव करने की भरसक कोशिश कर रहा है, लेकिन फ्रांस जैसे भारत के दोस्तों ने दो टूक कह दिया है कि पाकिस्तान के साथ बगैर किसी मुरव्वत के आतंकियों के शह पर नियमों के तहत कड़ाई से पेश आया जाएगा.
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अगले महीने होनी है बैठक
एफएटीएफ की एशिया-प्रशांत समूह की बैठक बीते दिनों बीजिंग में हुई थी. इसमें पाकिस्तान की स्थिति को तकनीकी पहलुओं के मद्देनजर आंका गया. पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए किस हद तक सुझाव गए मुद्दों पर खरा उतरा है, इस रिपोर्ट पर अगले महीने चर्चा होगी. पाकिस्तान ने एफएटीएफ की लटकी तलवार से बचने के लिए अपने सदाबहार दोस्त चीन समेत अमेरिकी राष्ट्रपति तक से गुहार लगाई हुई है. यह अलग बात है कि भारत के कूटनीतिक दबाव में चीन को छोड़ दें तो बाकी सदस्य देशों ने उससे पहले शर्तों पर खरा उतरने को कहा गया है.
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फ्रांस की दो टूक शर्तें पूरी करे पाकिस्तान
बीजिंग में संपन्न एफएटीएफ की क्षेत्रीय ईकाई की बैठक में फ्रांस ने अपने तेवर साफ कर दिए हैं. फ्रांस के प्रतिनिधि ने दो टूक कह दिया है कि वह मनी लांड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के मसले पर अपने रुख में किसी किस्म की नरमी लाने के मूड में नहीं है. उसने कहा है कि वह आतंक के मसले पर पाकिस्तान के रवैये को बगैर किसी मुरव्वत नियमों की कसौटी पर कसेगा. गौरतलब है कि अगर पाकिस्तान एफएटीएफ की शर्तों पर खरा नहीं उतरता है, तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. ऐसी स्थिति में पहले से घरेलू मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए खासी दिक्कत खड़ी हो जाएगी.
HIGHLIGHTS
- एफएटीएफ की एशिया-प्रशांत समूह की बैठक बीते दिनों बीजिंग में हुई.
- अगले महीने पेरिस में होने वाली एफएटीएफ की बैठक में जमकर होगा.
- पाकिस्तान ने चीन समेत अमेरिकी राष्ट्रपति तक से गुहार लगाई.