राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे से पहले चीन ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर बड़ा यू-टर्न लिया है. चीन का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के मसले को यूएन (United Nations) चार्टर के हिसाब से सुलझाया जाना चाहिए. चीन का यह बयान दो दिन पहले दिए उसके ही बयानों के उलट है, जिसमें उसने कहा था कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला है. चीन के इस बयान पर भारत कड़ी प्रतिक्रिया दी है. चीन के दौरे पर गए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रीमियर (चीन के प्रधानमंत्री) से मुलाकात के बाद वहां के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया. इस बयान में कहा गया कि चीन इस मामले में नज़र बनाए हुए है. जम्मू-कश्मीर का मसला पुराने इतिहास का एक विवाद है, जिसे शांतिपूर्ण तरीके से संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के नियमों के हिसाब से सुलझाया जाना चाहिए. चीन का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब 11 अक्टूबर यानी कल ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी महाबलीपुरम में अनौपचारिक बैठक करने वाले हैं.
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चीन की ओर से जारी इस बयान के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, हमने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच बैठक को लेकर रिपोर्ट देखी है, जिसमें उन्होंने अपनी बातचीत के दौरान कश्मीर का भी उल्लेख किया है. भारत का पक्ष पुराना और स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है. चीन हमारे पक्ष से अच्छी तरह वाकिफ है. भारत के आंतरिक मामलों पर किसी अन्य देश को टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है.
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इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था, भारत-पाकिस्तान को आपसी मसलों को सुलझाने के लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने अपने बयान में कहा था कि चीन यह मानता है कि कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच हल किया जाना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- चीन ने कहा, यूएन चार्टर के हिसाब से सुलझाए जाएं जम्मू-कश्मीर विवाद
- भारत ने जताई कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- जम्मू-कश्मीर हमारा आंतरिक मसला
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो