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चीन का अमेरिका को गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी, दक्षिण चीन सागर पर तकरार

चीन ने दक्षिण चीन सागर में आर्टिफिशियल द्वीप बनाकर सैन्य चौकियों की स्थापना की है. यह क्षेत्र प्रचुर गैस और मछलियों वाला क्षेत्र है.

Updated on: 20 Jan 2022, 08:10 PM

highlights

  • चीन और अमेरिका एक बार फिर आमने-सामने हैं
  • अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन को ट्रैक कर रहा है
  • पूरे साउथ चाइना सी पर चीन करता है दावा

नई दिल्ल:

चीन और अमेरिका एक बार फिर आमने-सामने हैं.  इसका कारण बना है साउथ चाइना सी. चीन ने कहा है कि उसके आर्म फोर्स दक्षिण चीन सागर से अमेरिकी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर पर निगरानी रख रहे हैं और चेतावानी जारी की है. इसी कड़ी में चीन ने वॉरशिप और एयरक्राफ्ट की तैनाती की है. हालांकि अमेरिकी नौसेना ने इस बात से इनकार किया कि वॉरशिप को चेतावनी दी गई थी. चीनी सेना के दक्षिणी थिएटर कमांड ने कहा है कि अमेरिकी वॉरशिप यूएसएस बेनफोल्ड अवैध रूप से बिना इजाजत के चीनी क्षेत्र में चला गया और चीन की संप्रभुता का उल्लंघन किया. थिएटर कमांड ने कहा है कि अमेरिकी पक्ष की कार्रवाइयों ने चीन की संप्रभुता और सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन किया है. यह सबूत है कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन को ट्रैक कर रहा है और इलाके का सैन्यीकरण कर रहा है. बयान में कहा गया है कि हम गंभीरता से मांग करते हैं कि अमेरिकी पक्ष इस तरह की भड़काऊ कार्रवाई को तुरंत रोके वरना इस तरह की घटनाओं के गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

मामले को लेकर अमेरिकी 7 वें फ्लीट के प्रवक्ता मार्क लैंगफोर्ड ने कहा है कि चीन का बयान गलत है. यूएसएस बेनफोल्ड ने अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक नेविगेशन ऑपरेशन की स्वतंत्रता (FONOP) का संचालन किया और फिर अंतरराष्ट्रीय जल में सामान्य संचालन करना जारी रखा. उन्होंने पैरासेल द्वीप के आसपास के क्षेत्र में नौवहन अधिकारों और आजादी पर जोर दिया.

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बता दें कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है लेकिन वियतनाम और ताइवान के अलावा फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और इंडोनेशिया सहित कई समुद्री पड़ोसियों द्वारा भी दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से पर दावा करते हैं. विशेष रूप से चीन, ताइवान और वियतनाम पैरासेल द्वीपों पर संप्रभुता का दावा करते हैं जिसे चीन में जिशा द्वीप के रूप में जाना जाता है.

चीन ने दक्षिण चीन सागर में आर्टिफिशियल द्वीप बनाकर सैन्य चौकियों की स्थापना की है. यह क्षेत्र प्रचुर गैस और मछलियों वाला क्षेत्र है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण शिपिंग लेन है. ताइवान, तिब्बत, शिनजियांग अदि के साथ दक्षिण चीन सागर अमेरिका और चीन के बीच कई फ्लैशप्वाइंट में से एक बन गया है.