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भारतीय सेना के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है सिस्टम.( Photo Credit : न्यूज नेशन)
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भारतीय सेना के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है सिस्टम.( Photo Credit : न्यूज नेशन)
सैन्य कमांडर स्तर की अगले राउंड की बातचीत में भी एलएसी (LAC) विवाद का कोई हल नहीं निकला. इस बीच चीनी मीडिया में ऐसी रिपोर्ट सामने आई हैं कि पिपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भारत सीमा के पास मल्टीपल लांच रॉकेट सिस्टम पीएचएल-16 का सफल परीक्षण किया है. ड्रैगन (China) इसे हिमालय से लगती सीमा पर तैनात करने की सोच रहा है. पीएचएल अपने पूर्ववर्तियों से कहीं ज्यादा आधुनिक है. एआर-3 लांच रॉकेट सिस्टम पर केंद्रित पीएचएल-16 फायर ड्रैगन बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) लांच कर सकेगा, जो 500 किमी दूर निशाना भेदने में सक्षम होगी. पहले इस सिस्टम से महज 350 किमी मार करने वाले रॉकेट ही दागे जा सकता थे. यानी चीन शासित क्षेत्रों में इसकी तैनाती से ड्रैगन भारत (India) के किसी भी सैन्य अड्डे को निशाना बना सकेगा.
2019 में किया गया था पहली बार प्रदर्शन
प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रक पर लगाए गए लांचर ने कई पश्चिमी चीन में कई किमी दूर रेगिस्तान में रखे लक्ष्य को पूरी सफलता के साथ सटीकता से भेदा. ट्रक पर रखे गए मल्टीपल लांच रॉकेट सिस्टम में बैटरी समेत आधा दर्जन लांचर व्हीकल, कई रिलोडिंग व्हीकल, कमांड पोस्ट व्हीकल, मीटियरोलॉजिकल सर्वे के लिए एक वाहन और कई अन्य सर्विस सपोर्ट रहते हैं. पीएचएल-16 को चीन के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर 2019 में परेड में शामिल किया था. हालांकि तब इस सिस्टम को कोई नाम नहीं दिया गया था.
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दोनों देशों की सेनाएं हैं आमने-सामने
सैन्य विशेषज्ञ मान रहे हैं कि एलएसी पर विवाद के बाद सुलह-सफाई के लिए अब तक कई राउंड की कूटनीतिक-सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है. इन बातचीत के बीच भारत-चीन दोनों ही ने एलएसी पर सैन्य जमावड़ा बढ़ा रखा है. चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर कई गांव बसाए हैं, तो डोकलाम में कई हाई-वे बना रहा है. हालांकि भारत ने भी सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपना कब्जा जमाए रखा है. इसके साथ ही ड्रैगन भारत को घेरने के लिए नेपाल और भूटान की सीमा पर भी अपना सामरिक ढांचा मजबूत बना रहा है.
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