चीन को सता रहा भारत से बड़ा डर, नेविगेशन सिस्टम पर लगा दी रोक
भारत से लगती सीमाओं पर अपने नेविगेशन सिस्टम बेइदू के इस्तेमाल को अचानक प्रतिबंधित कर दिया है, क्योंकि उसे डर है कि इससे उनकी आवाजाही या मूवमेंट पर नजर रखी जा सकती है.
highlights
- चीन ने नेविगेशन सिस्टम बेइदू का इस्तेमाल रोका
- बेइदू दुनिया के लगभग 30 देशों को कवर करता है
- आवाजाही या मूवमेंट पर नजर रखे जाने का है डर
बीजिंग:
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भारत से लगती सीमाओं पर अपने नेविगेशन सिस्टम बेइदू के इस्तेमाल को अचानक प्रतिबंधित कर दिया है, क्योंकि उसे डर है कि इससे उनकी आवाजाही या मूवमेंट पर नजर रखी जा सकती है. सूत्रों ने कहा कि चीनी रुख में बदलाव उस समय हुआ है, जब भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने निगरानी तंत्र को बढ़ाया है. चीन ने हाल ही में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ के कई प्रयास किए हैं, जिसके बाद भारत सतर्क है और उसने निगरानी बढ़ा दी है. इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए, भारतीय सेना ने सामरिक स्तर से लेकर नीतिगत स्तर तक, जहां सैनिकों को वास्तव में तैनात किया गया है. सभी निगरानी उपकरणों के प्रयासों को समन्वित करके एलएसी के साथ-साथ संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है.
खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि जैसे-जैसे निगरानी बढ़ी है, पिछले एक महीने में उत्तरी सीमाओं पर बेइदू टर्मिनलों की सक्रियता में कमी देखी गई है. सूत्रों ने कहा कि पीएलए अब इसका इस्तेमाल केवल पुष्टि भेजने के लिए कर रही है कि वे अपने वांछित स्थानों पर पहुंच गए हैं. सूत्र ने कहा, 'यह उत्तरी सीमाओं के पार अपनी महत्वपूर्ण गतिविधियों या तैयारियों को छिपाने के लिए पीएलए द्वारा जानबूझकर किया गया प्रयास हो सकता है.' सिस्टम को 23 जून, 2020 को लॉन्च किया गया था और आखिरकार दो दशकों से चली आ रही एक परियोजना को समाप्त कर दिया गया था. अब चीन अपनी महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के हिस्से के रूप में कई देशों में बेइदू के उपयोग पर जोर दे रहा है. वर्तमान में बेइदू पाकिस्तान, मिस्र और इंडोनेशिया सहित लगभग 30 देशों को कवर करता है.
बीडीएस, जिसे अमेरिकी जीपीएस का प्रतिद्वंद्वी कहा जाता है, दुनिया का चौथा वैश्विक उपग्रह नेविगेशन सिस्टम है. अन्य सिस्टम रूस का ग्लोनास और यूरोपीय संघ का गैलीलियो है. भारत भी अपना स्वयं का नेविगेशन सिस्टम विकसित कर रहा है, जिसे भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) कहा जाता है, जिसका ऑपरेशनल नाम नाविक है. चीन अमेरिका स्थित जीपीएस आधिपत्य को समाप्त करना चाहता है और एशियाई क्षेत्र में सबसे पहले अपने स्वयं के विकसित नेविगेशन सिस्टम पर जोर देना चाहता है. ऐसा करने के लिए, चीन ने बेइदू ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) की निगरानी और मूल्यांकन के लिए अपने अंतरिक्ष और ऊपरी वायुमंडल अनुसंधान आयोग (सुपारको) में एक निगरानी स्टेशन की स्थापना की है.
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