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चीनी नौसैनिकों के सैन्य अभ्यास के बाद अमेरिका से उसके रिश्तों में खटास बढ़ सकती है। दरअसल, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने चार दशकों से भारत और ताइवान के बीच हुए यूएस पॉलिसी को तोड़ते हुए फोन पर बात की। ताइवान के राष्ट्रपति की साई इंगवेन तरफ से आए फोन कॉल के दौरान ट्रंप ने ताइवान से चीन के बारे में बात की।
चीन ने अमेरिका को उसके विदेशी मामलों और ताइवान के नेताओं से बात करने पर विरोध जताया है। अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के समय चीन का ये युद्ध अभ्यास अमेरिका को किसी तरह की कूटनीतिक पहल ना करने का संदेश है।
ताइवान 49 के सिविल युद्ध के बाद चीन से अलग हो गया था। आपको बता दें कि चीन के नौसेना ने पिछले सप्ताह प्रशिक्षण एवं अभ्यास किया।
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चीनी सैन्य सूत्रों के मुताबिक, इस बेड़े में विमान वाहक लिओनिंग और कई विध्वंसक युद्धपोत रहे। इन गतिविधियों में कई जे-15 वाहक लड़ाकू जेट विमानों और हेलीकाप्टरों को शामिल किया गया था।
पीले सागर में लियोनिंग के कई J-15 लड़ाकू विमानों ने हवा में ईंधन भरने और हवाई टकराव से बचने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों का अभ्यास किया था। इस प्रैक्टिस का डायरेक्शन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के नौसेना कमांडर वू शेंगली ने किया।
Source : News Nation Bureau