आज जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी करार दिए जाने पर फैसला आएगा. पिछले काफी वक्त से भारत द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी करार दिए जाने की मांग करती आ रही है. भारत की इस मांग को संयुक्त राष्ट्र के सभी देशों का समर्थन हासिल है लेकिन चीन ने अभी तक इस मामले में भारत को अपना समर्थन नहीं दिया है.
हालांकि, मंगलवार को चीन ने कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित कराने के जटिल मुद्दे का उचित समाधान निकाला जाएगा, लेकिन अभी तक उसने कोई समय सीमा नहीं बताई है।कुछ दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात हुई थी.
इस मुलाकात के बाद ही चीन का यह रुख आया है. चीन ने पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने के एक नए प्रस्ताव पर मार्च में तकनीकी रोक लगा दी थी. जैश ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी.
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जिसके बाद भारत ने मांग की थी कि अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाए लेकिन चीन ने अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित करने के चौथे प्रयास पर भी रोक लगा दी.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'मैं केवल इतना कह सकता हूं कि मुझे भरोसा है कि उचित तरीके से इसका समाधान निकलेगा'.
वह इन खबरों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे कि चीन ने अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने के फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के एक ताजा प्रस्ताव पर तकनीकी रोक हटाने पर सहमति जता दी है. इस बार अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मुद्दे को सीधे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जा कर बीजिंग पर दबाव बढ़ा दिया है.
Source : PTI