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China में क्रांति... तीन दशकों में पहली बार महिला सुरक्षा पर नए कानून

विधेयक को महिला अधिकारों और हित संरक्षण अधिकार नाम दिया गया है. इसे नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की वेबसाइट पर शुक्रवार को जारी किया गया है. महिला सुरक्षा के ये नए कानून 2023 से अस्तित्व में आएंगे.

Updated on: 30 Oct 2022, 07:56 PM

highlights

  • चीन सरकार का महिलाओं को लेकर रूढ़िवादी नजरिया ही विद्यमान
  • अब तीन दशकों में पहली बार महिला सुरक्षा कानूनों में संशोधन

बीजिंग:

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की 20वीं कांग्रेस में पोलित ब्यूरो समेत शीर्ष पदों पर महिलाओं की नियुक्ति को लेकर दबे-छिपे सुरों में आवाज उठी थी. खासकर मीडिया के एक वर्ग में इसको लेकर कई रिपोर्ट्स प्रकाशित हुईं. उस पर तीसरी बार राष्ट्रपति बन इतिहास में दर्ज होने जा रहे शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन अब महिला सुरक्षा को लेकर रविवार को एक कानून जरूर पास कर दिया गया. बीते तीन दशकों में चीन की महिलाओं की सामाजिक, कानूनी स्थिति को लेकर इसे एक बड़ा कदम करार दिया जा रहा है. इस विधेयक के बाद लैंगिक भेदभाव और यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं को कुछ और अधिकार मिल गए हैं. बताते हैं कि महिला कानून को लेकर तीसरे संशोधन को लेकर कार्यकर्ताओं ने गंभीर आशंकाएं जाहिर की थीं. खासकर गर्भपात को लेकर सरकार की नीतियों को महिला अधिकारों के लिए सही नहीं ठहराया गया था. इसके बाद विधेयक को संसद में पेश किया गया था. जानते हैं संशोधित महिला सुरक्षा कानूनों से जुड़ी बड़ी बातों को..

  • हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि नए महिला सुरक्षा कानून में रूढ़िवादी नजरिये पर जताई गई आपत्तियों को किस तरह से सुधार के बाद शामिल किया गया है. चीन में महिला सुरक्षा कानून में संशोधन पिछले 30 सालों में पहली बार किया गया है.
  • विधेयक को महिला अधिकारों और हित संरक्षण अधिकार नाम दिया गया है. इसे नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की वेबसाइट पर शुक्रवार को जारी किया गया है. महिला सुरक्षा के ये नए कानून 2023 से अस्तित्व में आएंगे.  
  • चीन की न्यूज एजेंसी शिनहुआ ने पहले इन कानूनों को गरीब महिलाओं, बुजुर्ग महिलाओं और विकलांग महिलाओं जैसे वंचित समूहों के अधिकारों और हितों की सुरक्षा को मजबूत करने वाला करार दिया था.
  • बाद में एजेंसी ने यह भी बताया कि यदि महिलाओं के श्रम और सामाजिक सुरक्षा अधिकारों और हितों का उल्लंघन होता है, तो नियोक्ता को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
  • यह भी दावा किया गया कि मानव तस्करी और अपहृत महिलाओं के बचाव अभियान में रुकावट डालने को अपराध माना जाएगा. इसके साथ ही दावा किया गया कि इस कड़ी में स्थानीय अधिकारियों को और जिम्मेदारी दी जाएगी. साथ ही उनके अधिकारों का दायरा भी बढ़ाया जाएगा. बताते हैं कि जंजीरों में जकड़ी एक महिला की फोटो ने ऑनलाइन जबर्दस्त सुर्खियां बटोरी थी. इस फोटो के जारी होने पर चीन में मानव तस्करी से जुड़े मामलों से निपटने के तौर-तरीकों पर खासी आवाज बुलंद की गई थी.