logo-image

सीमा विवाद पर चीन की तरफ से बयान, अरुणाचल प्रदेश के तवांग के बदले अक्साई चिन भारत को मिल सकता है

चीन की तरफ से कहा गया है कि इस मामले को सुलझाने के लिए चीन अरुणाचल प्रदेश में तवांग के बदले अपने कब्जे का एक हिस्सा भारत को दे सकता है।

Updated on: 03 Mar 2017, 02:04 PM

नई दिल्ली:

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद एक लंबे अरसे से चल रहा है। दोनो देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने के प्रयास होते रहे हैं लेकिन कोशिशे अब तक कामयाब नहीं हो पाई है। अब चीन की तरफ से कहा गया है कि इस मामले को सुलझाने के लिए चीन अरुणाचल प्रदेश में तवांग के बदले अपने कब्जे का एक हिस्सा भारत को दे सकता है।

भारत के साथ सीमा विवाद पर चीन के पूर्व वार्ताकार और वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता दाई बिंगुओ ने बीजिंग के एक पब्लिकेशन को दिए इंटरव्यू में यह सुझाव दिया। इस इंटरव्यू में उनका इशारा था कि भारत अगर चाहे तो तवांग के बदले अक्साई चिन के आदान-प्रदान हो सकता है।

आपको बता दे कि तवांग भारत-चीन सीमा के पूर्वी सेक्टर का सामरिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाका है। अगर चीन का तवांग पर अधिकार हो जाता है तो तिब्बती बौद्ध केंद्रों पर उसकी पकड़ और मजबूत हो जाएगी।

और पढ़ें: चीन बनाने जा रहा है समुद्र के नीचे प्लेटफॉर्म, जल के अंदर से दुश्मनों पर रखेगा कड़ी नजर

दाई ने इंटरव्यू में कहा, 'सीमा को लेकर विवाद अभी तक जारी रहने का बड़ा कारण यह है कि चीन की वाजिब मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया गया। अगर पूर्वी क्षेत्र में भारत चीन का ख्याल रखेगा तो चीन भी उसी तरह से किसी अन्य क्षेत्र (अक्साई चिन) में भारत के लिए सोचेगा।'

भारत के लिए इस प्रस्ताव को माना विलकुल आसान नहीं होगा क्योंकि तवांग तवांग मठ तिब्बत और भारत के बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। ऐसा माना जा रहा है कि दाई बिंगुओ ने यह बयान कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सहमति से ही दिया है।

पढ़ें: चीन की भारत को नसीहत- संबंधों में विषमताओं को स्वीकार करे