नेपाल के आंतरिक मामलों में चीन की खुली दखल, अमेरिकी प्रोजेक्ट को रोकने कहा

नेपाल में मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र से ठीक एक दिन पहले चीन ने नेपाल के राजनीतिक दलों को अमेरिकी प्रोजेक्ट एमसीसी के बिल को संसद से पास नहीं होने देने के लिए खुल्लमखुल्ला दबाब बनाया है.

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Keshav Kumar
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नेपाल के आंतरिक मामलों में बढ़ा चीन का दबाव( Photo Credit : News Nation)

चीन की कम्युनिष्ट सरकार ने नेपाल के आंतरिक मामलों में अपनी हस्तक्षेपकारी नीति को बदस्तूर जारी रखा है. नेपाल में मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र से ठीक एक दिन पहले चीन ने नेपाल के राजनीतिक दलों को अमेरिकी प्रोजेक्ट एमसीसी के बिल को संसद से पास नहीं होने देने के लिए खुल्लमखुल्ला दबाब बनाया है. सत्तारूढ़ दल से लेकर विपक्षी दल के नेताओं को किसी भी हालत में एमसीसी बिल पारित नहीं करने का अप्रत्यक्ष निर्देश दिया है. चीन की कम्यूनिष्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के उपमंत्री Chen Zhou ने विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए नेपाल के राजनीतिक दलों पर दबाब बनाना शुरू किया है.

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नेपाल की सरकारी समाचार एजेंसी ने इस बात का खुलासा किया है कि कम्यूनिष्ट पार्टी ऑफ चाईना के विदेश विभाग के उपमंत्री ने सोमवार को देर रात नेपाल के प्रमुख विपक्षी दल नेकपा एमाले के महासचिव को विडियो कॉन्फ्रेंस करते हुए MCC पर पुनर्विचार करने को कहा है. न्यूज एजेंसी राष्ट्रीय समाचार समिति के मुताबिक चाईनीज उपमंत्री Chen Zhou ने विपक्षी दल के महासचिव शंकर पोखरेल को कहा है कि उनकी सत्तारूढ़ दल नेपाली कांग्रेस, माओवादी, एकीकृत समाजवादी और जनता समाजवादी पार्टी के नेताओं से बातचीत हो गई है. चीन के उपमंत्री ने दावा किया है कि सत्तारूढ़ दल उनके विचारों से सहमत हैं और विपक्षी दल के नाते नेकपा एमाले को भी इस पर विचार करना चाहिए. 

चीन के दबाव में 5 वर्षों से अटका अमेरिकी प्रोजेक्ट

दरअसल, मंगलवार से शुरू हो रहे संसद में अमेरिका के महत्वाकांक्षी परियोजना एमसीसी से संबंधित बिल को पेश करने की योजना है. अमेरिका ने नेपाल को कहा है कि वह 500 मिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट को अगर संसद के इस सत्र से पारित नहीं कर पाता है तो वह इस प्रोजेक्ट को किसी अफ्रीकी देश में ले जाएगा. नेपाल की चीन परस्त कम्युनिष्ट पार्टियां इस बिल को पिछले पांच वर्षों से लटका कर रखी हुई है.

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हालांकि, प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउवा की पार्टी नेपाली कांग्रेस इस बिल के समर्थन में है, लेकिन उनके सहयोगी दल माओवादी, एकीकृत समाजवादी और जनता समाजवादी पार्टी तीनों ही इसके विरोध में है. ये तीनों पार्टियां कम्यूनिष्ट पार्टी ऑफ चाइना का करीबी है. वैसे तो कुछ समय पहले तक के पी ओली की पार्टी नेकपा एमाले को चीन के सबसे करीबी माना जाता था, लेकिन ओली और चीन का संबंध पिछले एक वर्षों से कुछ ठीक नहीं है. यही कारण है कि ओली की पार्टी के महाधिवेशन में चीन की कम्युनिष्ट पार्टी ने अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजा था.

नेपाल की संसद का क्या है समीकरण

नेपाल की संसद की गणित ऐसी है कि अगर ओली की पार्टी, जो कि एमसीसी को लेकर सकारात्मक है और चाहती है कि एमसीसी जल्द से जल्द पारित हो, अगर समर्थन देती है तो एमसीसी पास हो जाएगी, लेकिन वर्तमान सत्तारूढ़ गठबंधन टूट जाएगा. जो कि चीन नहीं चाहता है. इसलिए ओली की पार्टी पर दबाब देने के लिए आज विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चीन ने दबाब डाला है.

HIGHLIGHTS

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  • चीन के उपमंत्री Chen Zhou का नेपाल के विपक्षी दल के महासचिव शंकर पोखरेल पर दबाव
  • अमेरिकी बिल के समर्थन में है प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउवा की पार्टी नेपाली कांग्रेस 
  • माओवादी, एकीकृत समाजवादी और जनता समाजवादी पार्टी तीनों चीन के दबाव में हैं
nepal Chen Zhou US china Communist Party of Nepal शेरबहादुर देउवा
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