Coronavirus से बिगड़े हालात पर बोले शी जिनपिंग, माना बुरे दौर से गुजर रहा देश
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शनिवार को नव वर्ष के मौके पर देश को संबोधित किया. उन्होंने इस बात का मान लिया है कि चीन में कोरोना की लहर नए चरण की ओर बढ़ गई है.
highlights
- हर कोई कोरोना से मुकाबले को लेकर मजबूती से खड़ा हुआ है: जिनपिंग
- शी जिनपिंग ने चीन की कोविड नीति पर खुलकर बोला
- वैश्विक स्वास्थ्य संस्था के विशेषज्ञों से बातचीत की अनुमति दे दी है
नई दिल्ली:
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) शनिवार को नव वर्ष के मौके पर देश को संबोधित किया. उन्होंने इस बात का मान लिया है कि चीन में कोरोना की लहर नए चरण की ओर बढ़ गई है. इसका मुकाबला करना कठिन चुनौती की तरह होगा. उन्होंने कहा कि असाधारण प्रयासों के साथ कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना भी किया है. यह किसी के लिए आसान यात्रा नहीं है. बीते कुछ दिनों में यह दूसरा मौका होगा, जब शी ने देश में मौजूदा कोविड की स्थिति को स्वीकार किया है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बार-बार अपील कि जाने पर चीन ने शुक्रवार को अपने अफसरों को वैश्विक स्वास्थ्य संस्था के विशेषज्ञों से बातचीत करने की अनुमति मांगी दे दी है.
राष्ट्रपति के अनुसार अफसर, जनता, डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता हर कोई कोरोना से मुकाबले को लेकर मजबूती से खड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि अभी महामारी को कंट्रोल करने का काम जारी है. इसके लिए हर कोई कड़ी मेहनत में जुटा है. उन्होंने कहा कि उनके सामने उम्मीद की किरण देखने को मिल रही है.
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उन्होंने कहा कि कोरोना के आने के बाद, हमने लोगों के जीवन की सुरक्षा को प्राथमिकता दी. विज्ञान के अनुसार ही हमने लोगों के जीवन और स्वास्थ्य की अधिकतम संभव सीमा की रक्षा की. कोरोना के विरुद्ध कड़े और जरूरी कदम उठाए. जिनपिंग ने कहा कि कोरोना को लेकर सचेत रहने की जरूरत है. जिनपिंग का कहना है कि चीन में कोरोना के कारण जिंदगी के प्रति सुरक्षा को नया आयाम मिला है. नए साल में प्रवेश के साथ ही हमें अपनी सुरक्षा को लेकर ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है.
उन्होंने चीन की कोविड नीति पर खुलकर बोला. शी ने कहा, देश में बड़े पैमाने पर परीक्षण हुए. जीरो कोविड पॉलिसी का अंत किया. चीन में यह पॉलिसी तीन साल तक रही है. शी जिनपिंग के अनुसार, 2022 में हमने भूकंप, बाढ़, सूखा और जंगल की आग सहित कई प्राकृति आपदाओं को झेला. सभी संकटों को हमने मिलकर झेला. यही नहीं दूसरों की मदद के लिए जीवन तक बलिदान कर दिया.
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