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चीन 1000 किमी लंबे सुरंग के जरिए ब्रह्मपुत्र के पानी को 'डायवर्ट' करने की तैयारी में

भारत पहले ही ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की ओर से बनाए जा रहे कई बांधों को लेकर अपनी चिंता जता चुका है। बता दें कि चीन की सबसे लंबी सुरंगा 85 किलोमीटर की है।

Updated on: 31 Oct 2017, 12:07 AM

नई दिल्ली:

अरुणाचल प्रदेश से करीब तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को शिनजियांग प्रांत के बंजर इलाके में भेजने के लिए चीन 1,000 लंबा सुरंग बनाने की योजना बना रहा है। पीटीआई ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया कि चीनी इंजीनियर ऐसी तकनीक पर काम भी कर रहे हैं इतनी लंबी गुफा बनाने में किया जा सके।

अगर चीन ऐसा करने में कामयाब रहता है तो यह दुनिया की सबसे लंबी सुरंग होगी।

हॉन्ग कॉन्ग आधारित साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना के जरिए चीन की तैयारी 'शिनजियांग को कैलिफोर्निया के रूप में बदलने' की है। हालांकि इस पहल ने हिमाल क्षेत्र में इससे पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए पर्यावरणविदों को चिंतित कर दिया है।

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चीन की योजना के तहत पानी को दक्षिणी तिब्बत के यारलुंग सांगपो नदी से डायवर्ट किया जाना है। सांगपो नदी ही भारत में आते ही ब्रह्मपुत्र नदी के रूप में तब्दील हो जाती है। सांगपो के पानी को शिनजियांग के ताकलामकान रेगिस्तान की ओर ले जाने की योजना है।

बता दें कि चीन की सबसे लंबी सुरंगा 85 किलोमीटर की है जो लियाओनिंग प्रांत में है। वहीं, दुनिया में सबसे लंबी सुरंग 137 किलोमीटर की है जो अमेरिका के न्यूयॉर्क में है।

भारत पहले ही ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की ओर से बनाए जा रहे कई बांधों को लेकर अपनी चिंता जता चुका है। वहीं, चीन दूसरी ओर भारत और बांग्लादेश को यह भरोसा देता रहा है कि उसके बांध पानी को जमा करने के लिए नहीं हैं। गौरतलब है कि बांग्लादेश को भी ब्रह्मपुत्र का पानी मिलता है।

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बहरहाल, ब्रह्मपुत्र नदी के पास प्रस्तावित सुरंग पर ड्राफ्ट तैयार करने वाले शोधकर्ता वांग वी ने बताया है कि पूरे चीन में इस पहल पर रिचर्स के लिए 100 से ज्यादा वैज्ञानिकों की टीम बनाई गई है। वी ने इसी साल मार्च में चीनी सरकार को अपना ड्राफ्ट सौंपा था।

इस बीच रिपोर्ट ये भी है कि चीनी सरकार ने युनान प्रांत में अगस्त में एक सुरंग पर काम शुरू कर दिया है जो 600 किलोमीटर से लंबा है। जानकारों के मुताबिक यह सुरंग प्रस्तावित सुरंग के लिए 'रिहर्लसल' के जैसा है। इसके जरिए चीन उन तकनीकों का परीक्षण कर रहा है, जिनके जरिए ब्रह्मपुत्र का पानी तिब्बत से शिनजियांग तक ले जाया जाएगा।