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एफएटीएफ (FATF) में पाकिस्‍तान (Pakistan) को लेकर यह क्‍या कह गया चीन

चीन (China) का मानना है कि कुछ देश एफएटीएफ में पाकिस्तान के खिलाफ अपने राजनैतिक एजेंडे (Political Mileage) के तहत उसके विरोधी बने हुए हैं.

Updated on: 30 Oct 2019, 07:21 AM

बीजिंग:

आतंक वित्तपोषण (Terror Funding) और धनशोधन (Money Laundering) के मामले में पाकिस्तान (Pakistan) के संदिग्ध चरित्र के बावजूद उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ-FATF) की काली सूची में जाने से बचाने वाले चीन ने एक बार फिर खुलकर पाकिस्तान के पक्ष में दलीलें दी हैं. चीन (China) का मानना है कि कुछ देश एफएटीएफ में पाकिस्तान के खिलाफ अपने राजनैतिक एजेंडे (Political Mileage) के तहत उसके विरोधी बने हुए हैं. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि चीन के विदेश विभाग में एशियाई मामलों की नीति निर्माता शाखा के उप महानिदेशक याओ वेन ने पाकिस्तानी संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह बात कही.

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रिपोर्ट के मुताबिक, येन ने कहा कि कुछ देश अपने राजनैतिक एजेंडे के तहत पाकिस्तान को काली सूची में डालने की पैरवी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "चीन नहीं चाहता कि कोई भी देश एफएटीएफ का राजनीतिकरण करे. कुछ देश हैं जो चाहते हैं कि पाकिस्तान को काली सूची में डाल दिया जाए. हमारा मानना है कि उनकी अपनी राजनैतिक योजनाएं हैं. यह वह बात है, चीन जिसके खिलाफ है. चीन न्याय के पक्ष में है."

वेन ने कहा कि चीन, पाकिस्तान के साथ है और उसने पाकिस्तान को काली सूची में नहीं जाने दिया. इस संदर्भ में स्पष्ट रूप से भारत का नाम लेते हुए उन्होंने कहा, "हमने अमेरिका और भारत को साफ कर दिया कि हम ऐसा नहीं कर सकते. ऐसा करना एफएटीएफ के उद्देश्य के दायरे से बाहर जाना है."

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उन्होंने कहा कि एफएटीएफ किसी देश को काली सूची में डालने के लिए नहीं बल्कि आतंक वित्तपोषण के खिलाफ कार्रवाई में उसकी मदद करने के लिए है. पाकिस्तान प्रभावी तरीके से अपनी राष्ट्रीय कार्ययोजना पर काम कर रहा है और चीन उसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. चीन इस मामले में हर तरह से उसकी मदद करेगा.