विवादित दक्षिण चीन सागर के ऑयल एंड नैचुरल गैस फील्ड में वियतनाम की तरफ से भारत को निवेश का न्योता दिए जाने का चीन ने विरोध जताया है।
चीन ने कहा कि वह ऐसी किसी भी प्रस्ताव का विरोध करता है, जो उसके अधिकारों का उल्लंघन करता है।
भारत में वियतनाम के राजदूत टोन सिन्ह तान्ह ने भारतीय टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा था कि उनका देश दक्षिण चीन सागर में भारत की तरफ से होने वाले निवेश का स्वागत करेगा।
हालांकि उनकी इस टिप्पणी का विरोध करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, 'चीन अपने पड़ोस में दो देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास का विरोध नहीं करता है।' लेकिन 'वह इसकी आड़ में दक्षिण चीन सागर में चीन के वाजिब अधिकारों और हितों के उल्लंघन का कड़ाई से विरोध करता है।'
टोन ने कहा था कि भारत और वियतनाम के बीच रक्षा सहयोग एक अहम पहलू है और भारत वियतनाम की रक्षा क्षमताओं में बढ़ोतरी में मददगार हो सकता है।
चीन पिछले कई सालों से दक्षिण चीन सागर में भारतीय कंपनी ओएनजीसी के एक्सप्लोरेशन का विरोध करता रहा है। चीन इस पूरे सागर को अपना इलाका बताता रहता है।
हालांकि चीन के इस दावे का वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान विरोध करते रहे हैं।
गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर वियतनाम और चीन के बीच संवेदनशील मुद्दा रहा है। वियतनाम में इस मामले को लेकर चीन के खिलाफ दंगे भी हो चुके हैं।
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HIGHLIGHTS
- विवादित दक्षिण चीन सागर में वियतनाम की तरफ से भारत को निवेश का न्योता दिए जाने का चीन ने विरोध जताया है
- चीन ने कहा कि वह ऐसी किसी भी प्रस्ताव का विरोध करता है, जो उसके अधिकारों का उल्लंघन करता है
Source : News Nation Bureau