चीन ने अमेरिकी अधिकारियों की बातचीत को किया सार्वजनिक, यूक्रेन में युद्ध टालने में मांगी थी मदद

पिछले तीन महीने में अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने शीर्ष चीनी अधिकारियों के साथ आधा दर्जन बैठकें कर यूक्रेन युद्ध टालने में मदद करने का आग्रह किया था.

पिछले तीन महीने में अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने शीर्ष चीनी अधिकारियों के साथ आधा दर्जन बैठकें कर यूक्रेन युद्ध टालने में मदद करने का आग्रह किया था.

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Pradeep Singh
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जो बाइडेन, अमेरिका के राष्ट्रपति( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 1998 में अमेरिका से कहा था कि चीन से खतरे को देखते हुए परमाणु परीक्षण आवश्यक थे. क्लिंटन प्रशासन ने भारत को शर्मिंदा करने के लिए तुरंत उस गुप्त बातचीत को सार्वजनिक कर दिया था. अमेरिका ने भारत के साथ जो किया, अब चीन ने अमेरिका के साथ वही कर दिया. चीन ने यूक्रेन के मुद्दे पर बाइडेन सरकार के अधिकारियों की बातचीत को पहले रूस से बताया और अब सार्वजनिक कर दिया. 

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रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है. तीन दिन से चल रहे युद्ध में यूक्रेन के सैकड़ों नागरिकों की मौत हो चुकी है. विश्व के कई देश रूस से युद्ध खत्म करके बातचीत के माध्यम से मुद्दे का समाधान करने की अपील कर रहे हैं. युद्ध शुरू होने के पहले भी विश्व के कई देश युद्ध टालने की कोशिश में लगे थे. पिछले तीन महीने में अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने शीर्ष चीनी अधिकारियों के साथ आधा दर्जन बैठकें कर यूक्रेन युद्ध टालने में मदद करने का आग्रह किया था. यह मदद चीन द्वारा रूस को आक्रमण न करने के लिए कहने को लेकर था. लेकिन बात नहीं बन सकी.  

बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने शीर्ष चीनी अधिकारियों के साथ आधा दर्जन तत्काल बैठकें कर यूक्रेन के आसपास रूस की सेना के निर्माण को दिखाते हुए खुफिया जानकारी प्रस्तुत की और चीनी से रूस को आक्रमण न करने के लिए कहने के लिए कहा. लेकिन चीन के विदेश मंत्री और संयुक्त राज्य में चीन के राजदूत सहित चीनी अधिकारियों ने अमेरिकियों को यह कहते हुए झिड़क दिया कि उन्हें नहीं लगता कि रूस आक्रमण करने जा रहा है. 

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दिसंबर में एक राजनयिक आदान-प्रदान के बाद, अमेरिकी अधिकारियों को खुफिया जानकारी मिली कि बीजिंग ने मास्को के साथ दोनों पक्षों की बातचीत और जानकारी साझा की थी, रूसियों को बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका कलह बोने की कोशिश कर रहा था - और यह कि चीन रूसी योजनाओं और कार्यों को बाधित करने की कोशिश नहीं करेगा. 

दरअसल, चीन रूस का सबसे शक्तिशाली साझेदार है, और दोनों देश कई वर्षों से राजनयिक, आर्थिक और सैन्य क्षेत्रों में अपने बंधन को मजबूत कर रहे हैं.  शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर  पुतिन इस वर्ष से पहले 37 बार मिल चुके थे. विश्व भर में अगर कोई नेता पुतिन के यूक्रेन पर हमला करने के बारे में सोच सकता है, तो वह  शी जिंनपिंग थे. लेकिन चीन ने अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत में यह स्वीकार ही नहीं किया कि रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है.  

joe-biden Xi Jinping war in Ukraine China made the talks of US officials public
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