चीन में युवा नहीं चाहते सेना में भर्ती होना, संकट से निपटने को ड्रैगन ने उठाया यह कदम
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) दुनिया की सबसे बड़ी स्टैंडिंग ग्राउंड फोर्स है, जिसमें लगभग 915,000 एक्टिव-ड्यूटी सैनिक हैं, जो अमेरिका के 486,000 कर्मियों से लगभग दोगुनी संख्या है
नई दिल्ली:
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) दुनिया की सबसे बड़ी स्टैंडिंग ग्राउंड फोर्स है, जिसमें लगभग 915,000 एक्टिव-ड्यूटी सैनिक हैं, जो अमेरिका के 486,000 कर्मियों से लगभग दोगुनी संख्या है. यह खुलासा पेंटागन की 2020 की चीन सैन्य शक्ति रिपोर्ट से हुआ है. इसके अलावा, सैनिकों की संख्या के आधार पर पीएलए नौसेना दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक बल है, जिसमें लगभग 350 जहाज और पनडुब्बियां शामिल हैं. इसके साथ ही नौसेना में 130 से अधिक प्रमुख लड़ाके भी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार पीएलए का मुख्य उद्देश्य 2049 के अंत तक एक "विश्व स्तरीय" सेना बनना है. सबसे पहली बार यह लक्ष्य किसी और ने नहीं, बल्कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग निर्धारित किया था. आपको बता दें कि बीजिंग के पास एक विशाल सैन्य बजट है, जिसकी राशि है $ 209.16 बिलियन. इसके साथ ही यह दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा सैन्य बजट है.
दरअसल, चीन हिमालय से लेकर दक्षिण चीन सागर तक अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है, क्योंकि कम्युनिस्ट देश अपने लगभग सभी पड़ोसियों के साथ क्षेत्रीय विवादों में लिप्त है. इसके साथ ही एक ऐसा भी कारण है, जो चीन के सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है. दरअसल मीडिया ने चीनी सैनिकों के मनोबल को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. भले ही चीन की आधुनिक सेना को अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए सक्षम, शिक्षित सैनिकों की आवश्यकता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि उच्च शिक्षित, शहरी युवाओं की बढ़ती संख्या सेना की सेवा में दिलचस्पी नहीं ले रही है. इस अंतर से निपटने के लिए, पीएलए ने हाल ही में हाई-स्कूल स्नातकों की ओर रुख किया है, जो भर्ती के लिए विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए पर्याप्त योग्य नहीं हैं। इसने पिछले साल ge fcjt विश्वविद्यालय के स्नातकों के लिए एक अतिरिक्त भर्ती कैंप भी आयोजित किया, लेकिन युवाओं में सशस्त्र बलों में शामिल होने की अनिच्छा होने के चलते यह विफल साबित हुआ। सेना में शामिल होने के इच्छुक नए पुरुषों की कमी का सामना करने वाले देशों की तरह, चीन ने भी पिछले एक दशक में अधिक महिला सैनिकों की भर्ती की है। इसके अलावा, पीएलए सैनिकों का मनोबल गिराने के पीछे कुछ अन्य कारण भी हैं. उदाहरण के तौर पर एक बस में युवा पीएलए सैनिकों के रोने का एक वीडियो, जो पिछले दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. माना गया कि दुर्गम और जोखिम भरे स्थानों पर तैनाती की वजह से ये सैनिक काफी तनाव में थे.
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