चीन ने देश के नये एवं सबसे बड़े रॉकेट लॉंग मार्च-5 के जरिए शुक्रवार को अपने सबसे भारी और सर्वाधिक अत्याधुनिक संचार उपग्रह का प्रक्षेपण किया. यह मिशन अंतरिक्ष में अत्यधिक संवदेनशील अभियानों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा. यह सफल प्रक्षेपण 2020 में मंगल ग्रह के लिए चीन की योजना की दिशा में एक बड़ा कदम है. चीन की आधिकारिक शिन्हुआ समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक तीसरे लॉन्ग मार्च-5 रॉकेट, शिजियान-20 शुक्रवार रात सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में प्रवेश कर गया.
एएफपी की खबर के मुताबिक यह रॉकेट दुनिया के सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपण यानों में शुमार है. चीन के सरकारी टेलीविजन चैनल ‘सीसीटीवी’ द्वारा सीधे प्रसारण में दिखाया गया कि हैनान में वेनचांग प्रक्षेपण स्थल से स्थानीय समयानुसार रात पौने नौ बजे लॉन्ग मार्च- 5 प्रक्षेपण यान अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ. शिंहुआ ने बताया कि यह रॉकेट प्रक्षेपण भावी अंतरिक्ष अभियानों संबंधी अहम प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करेगा.
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यह सफल प्रक्षेपण अगले साल मंगल ग्रह में चीन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का अहम हिस्सा है. चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के उप प्रमुख वु यानहुआ ने पिछले सप्ताह सीसीटीवी द्वारा जारी एक वीडियो में कहा था, ‘लॉन्ग मार्च 5 को महत्वपूर्ण काम सौंपा गया है.’
उन्होंने कहा था, ‘इसे मंगल पर चीन के पहले यान, चंद्रमा पर चांग’ई-5 मिशन और मानवयुक्त अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक मुख्य मॉड्यूल के प्रक्षेपण समेत इसे मुख्य मिशनों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.’
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अंतरिक्ष समाचार साइट ‘नासास्पेसफ्लाइट डॉट कॉम’ के अनुसार रॉकेट के जरिए शिजियान 20 परीक्षण उपग्रह को भेजा गया. इससे पहले इसका जुलाई 2017 में प्रक्षेपण बीच में ही असफल हो गया था. इससे पहले लॉन्ग मार्च 5 वाई2 को शिजिंयांग 18 प्रयोगात्मक संचार उपग्रह को कक्षा में स्थापित करना था लेकिन यह सफल नहीं हो सका था. चीन ने पहले लॉन्ग मार्च 5 का नवंबर 2016 में सफल प्रक्षेपण किया था और उस समय चीन ने कहा था कि यह उसके द्वारा विकसित सबसे शक्तिशाली प्रक्षेपक है. ‘नासास्पेसफ्लाइट डॉट कॉम’ के अनुसार लॉन्ग मार्च 525 टन वजन ले जाने में सक्षम है.
Source : Bhasha