गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद पूरा देश इस वक्त गुस्से में है और चीनी उत्पादों को बॉयकॉट करने की मांग कर रहा है. इस बीच अब अफ्रीका से भी चीन को तगड़ा झटका लगा है. दरअसल अफ्रीकी देश कैन्या की एक अदालत ने चीन के 3.2 बिलियन डॉलर के रेल प्रोजेक्ट को अवैध करार दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैन्या की सरकार और चीन की रोड एंड ब्रिज कॉरपोरेशन सीआरबीसी के बीच ये प्रोजेक्ट साइन हुआ था. अदालत ने इसे अवैध बताते हुए कहा स्टैंडर्ड गेज रेलवे यानि एसजीआर की खरीद केन्या के राष्ट्रीय कानून का पालन नहीं करता है. अरबों रुपए की चीनी सहायता का यह प्रोजेक्ट चीन की बेल्ट एंड रोज इनिशिएटिव के तहत शुरू किया गया है.
जानकारी के मुताबिक एक सामाजिक कार्यकर्ता ओकिया ओम्ताहा और लॉ सोसाइटी ऑफ केन्या ने इ प्रोजेक्ट को रोकने के लिए अपील दायर की थी. अपील साल 2014 में दायर की गई थी. इस अपील में कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट में टेंडर की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और यह प्रोजेक्ट केवल एक ही कंपनी से कराया जा रहा है.
अब इस प्रोजेक्ट के निरस्त होने से चीन को कारारा झटका लगा है. वहीं लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है. सीमा विवाद और गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद चीन के खिलाफ पूरे देश में आक्रोश है. देश में जगह-जगह चीनी सामान के बहिष्कार और चीन सरकार के विरोध में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. देश के कोने-कोने से चीनी सामान के बहिष्कार की मांग उठ रही है. इस बीच दिल्ली (Delhi) में आने वाले चीनी नागरिकों के ठहराव को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है.
चीनी नागरिकों के लिए दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस बंद करने का फैसला लिया गया है. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज (कैट) के चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान को समर्थन देते हुए दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस संगठन ने अब चीनी व्यक्तियों को न ठहराने का फैसला किया है. लिहाजा अब दिल्ली में आने वाले चीनी नागरिकों के लिए होटल और गेस्ट हाउस में 'नो एंट्री' रहेगी.
Source : News Nation Bureau