भारत के प्रभाव को रोकने चीन ने बलूच आंदोलन कुचलने की साजिश रची

पाकिस्तानी जनरल ने स्वीकार किया कि चीन ने बलूच आंदोलन को कुचलने के लिए उसे यहां तैनात किया है और छह महीने का काम दिया है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Balochistan

पाकिस्तान की मदद कर रहै चीन बलूच आंदोलन को कुचलने में.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीन अपनी नापाक चालों से भारत को घेरने के लिए हर हथकंडे अपनाता है. यहां तक कि वह पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों में भी दखलंदाजी कर हुक्मरानों को संकट से उबार भारत के प्रति विद्रोह को उकसाता है. ऐसे ही एक चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन में पाकिस्तान सेना के एक जनरल ने बलूच स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने में चीन (China) की भूमिका को स्वीकारा है. उन्होंने कहा कि बीजिंग ने उसे बलूच (Balochistan) लोगों के स्वतंत्रता संघर्ष को समाप्त करने के लिए छह महीने का काम दिया है.

Advertisment

आर्थिक फंडिंग कर रहा चीन
बांग्लादेशी अखबार 'द डेली सन' के मुताबिक इस पाकिस्तानी जनरल ने स्वीकार किया कि चीन ने बलूच आंदोलन को कुचलने के लिए उसे यहां तैनात किया है और छह महीने का काम दिया है. ईरान को पाकिस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल अयमान बिलाल ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ईरान के अंदर जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा, 'चीन ने मुझे वेतन और बड़ी राशि का भुगतान किया है और मुझे आधिकारिक तौर पर अपने क्षेत्रीय हितों के लिए और  सीपीईसी (चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) के खिलाफ ईरान की साजिशों को विफल करने के लिए यहां पोस्ट किया है, क्योंकि यह क्षेत्रीय हितों में एक तरह का निवेश है.

यह भी पढ़ेंः कश्मीर में आतंक फैलाने, भुट्टो सरकार गिराने लादेन ने की थी शरीफ को फंडिंग

पाकिस्तान के खिलाफ हैं बलूच लोग
पिछले दिनों इस्लामाबाद द्वारा कई विकास परियोजनाओं के बावजूद बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे गरीब और सबसे कम आबादी वाला प्रांत बना हुआ है. विद्रोही समूहों ने दशकों से प्रांत में एक अलगाववादी विद्रोह को भड़काया है. उनकी शिकायत है कि इस्लामाबाद और पंजाब प्रांत में केंद्र सरकार उनके संसाधनों का गलत तरीके से शोषण करती है. इस्लामाबाद ने 2005 में इस इलाकें में सैन्य अभियान शुरू किया था. बलूच अलगाववादी, आतंकवादी और राजनीतिक समूह, दोनों प्रांत में चीन की बढ़ती भागीदारी का विरोध करते हैं. उन्होंने चीन के श्रमिकों और अधिकारियों पर कई हमले भी किए हैं. नवंबर 2018 में बलूच अलगाववादियों ने पाकिस्तान के दक्षिणी कराची शहर में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला किया.

यह भी पढ़ेंः भारतवंशी भव्या लाल बनीं NASA की कार्यकारी चीफ, बाइडेन की टीम का हिस्सा भी रहीं

चीन को सीपीईसी को लेकर चिंता
गौरतलब है कि 2015 में चीन ने पाकिस्तान में 46 बिलियन अमरीकी डालर के आर्थिक परियोजना की घोषणा की, जिसमें से बलूचिस्तान एक अभिन्न अंग है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के साथ बीजिंग का उद्देश्य अमेरिका और भारतीय प्रभाव का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान और मध्य और दक्षिण एशिया में अपने प्रभाव का विस्तार करना है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाकिस्तान के दक्षिणी ग्वादर बंदरगाह (626 किलोमीटर, कराची से 389 मील पश्चिम) को अरब सागर में चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र से जोड़ता है. इसमें चीन और मध्य पूर्व के बीच संपर्क को बेहतर बनाने के लिए सड़क, रेल और तेल पाइपलाइन लिंक बनाने की योजना भी शामिल है.

पीएम नरेंद्र मोदी भारत चीन Balochistan इमरान खान PM Narendra Modi Xi Jinping CPEC china कुचलना बलूचिस्तान बलूच आंदोलन Baloch Movement Crushing Baloch Community पाकिस्तान imran-khan pakistan शी जिनपिंग
      
Advertisment