चीन कड़ाई से अमेरिका से आग्रह करता है कि वह दलाईलामा गुट के साथ किसी भी तरह का संपर्क बंद करे, गैर जिम्मेदाराना बयान न दे और तिब्बत से जुड़े मामलों से चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप न करे. आशा है कि अमेरिका आपसी विश्वास और सहयोग के लिए लाभदायक काम करेगा, न कि इसके खिलाफ. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कंग श्वांग ने 29 अक्टूबर को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों के लिए अमेरिका के एंबेसेडर्स-एट-लार्ज सैम ब्राउनबैक ने हाल ही में भारत में दलाईलामा से मुलाकात की.
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इसपर कंग श्वांग ने कहा कि "चौदहवां दलाईलामा धार्मिक कार्यवाही की आड़ में लंबे अरसे से चीन को विभाजित करने में लगा हुआ एक राजनीतिक निर्वासित है. चीन किसी भी विदेशी अधिकारी के उसके साथ सभी तरह का संपर्क करने का विरोध करता है. अमेरिका ने वचन दिया था कि तिब्बत चीन का एक भाग है और वह तिब्बत की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करता. लेकिन अमेरिकी अधिकारी की संबंधित बात और कार्रवाई अमेरिका के इस वचन का उल्लंघन है. चीन इसका विरोध करता है."
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वहीं दूसरी तरफ चीनी उप-वाणिज्य मंत्री वांमग पिंग नान ने 29 अक्टूबर को एक न्यूज ब्रीफिंग में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का दूसरे चीन अंतर्राष्ट्रीय आयात मेले (सीआईआईई) में भाग लेने और संबंधित स्थितियों का परिचय दिया और प्रश्नों के उत्तर भी दिए. वांग पिंग नान ने बताया कि दूसरा सीआईआईई 5 से 10 नवंबर को शांगहाई में आयोजित होगा. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग पांच नवंबर को दूसरे सीआईआईई और होंग छाओ अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंच के उद्घाटन और संबंधित कार्यक्रम में भाग लेंगे और मुख्य भाषण देंगे. मेले के दौरान शी चिनफिंग संबंधित देशों के राज्याध्यक्षों और सरकारी प्रमुखों से मुलाकात करेंगे. अब तक 170 से अधिक देशों और क्षेत्रों के राजनीतिक, वाणिज्यिक और अध्ययन जगत की हस्तियां और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि निमंत्रण पर इसमें भाग लेंगे.
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वांग पिंग नान ने बताया कि लगातार दो वर्षों तक राष्ट्रपति शी चिनफिंग का सीआईआईई के उद्घाटन समारोह में भाग लेकर मुख्य भाषण देने से जाहिर है कि चीन सरकार इसे बड़ा महत्व देती है और हमेशा बहुपक्षवादी व्यापार व्यवस्था तथा व्यापार मुक्तिकरण बढ़ाना चाहती है और खुली विश्व अर्थव्यवस्था के साथ मानव समुदाय का साझा भविष्य बढ़ाने का ठोस कदम उठा रही है. उन्होंने बताया कि देशों की प्रदर्शनी में 64 देश और तीन अंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल होंगे. रूस, भारत, फ्रांस, इटली समेत 15 देश अतिथि देश होंगे. व्यापारिक प्रदर्शनी में 150 से अधिक देशों और क्षेत्रों के 3000 से अधिक उद्यम भाग लेंगे और पांच लाख पेशेवर खरीदार पंजीकृत हुए हैं.
(साभार-चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)