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भारत को घेरने चला चीन हांगकांग में फंसा, सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर

. कई बार हिंसक हो चुके विरोध-प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए चीनी सरकार ने हांगकांग (Hongkong) के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को संसद में पेश किया है. इसके खिलाफ सड़कों पर लाखों लोग उग्र प्रदर्शन (Agitation) कर रहे हैं.

Updated on: 24 May 2020, 02:58 PM

highlights

  • भारत को घेर रहा ड्रैगन अब अपने ही घर में उलझता जा रहा है.
  • हांगकांग में प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के विरोध में हिंसा.
  • लोकतंत्र समर्थक इस कानून को काला कानून की संज्ञा दे रहे.

हांगकांग:

नेपाल और पाकिस्तान के जरिये भारत को घेर रहा ड्रैगन (Dragon) अब अपने ही घर में उलझता जा रहा है. कई बार हिंसक हो चुके विरोध-प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए चीनी सरकार ने हांगकांग (Hongkong) के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को संसद में पेश किया है. इसके खिलाफ सड़कों पर लाखों लोग उग्र प्रदर्शन (Agitation) कर रहे हैं, वहीं चीन समर्थित पुलिस लोकतंत्र की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का सख्ती के साथ दमन कर रही है. रविवार को भी सड़कों पर उतरे सैकड़ों लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों ने चीन के प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का कड़ा विरोध किया है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक इस कानून के तहत विदेशी हस्तक्षेप, आतंकवाद और राष्ट्रदोही गतिविधयों पर प्रतिबंध होगा जिनसे सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही हो.

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आजादी के नारों से गूंजा हांगकांग
चीन की राष्ट्रीय संसद के शुक्रवार को शुरू हुए सत्र के पहले दिन सौंपे गए इस प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य अलगाववादियों और विध्वंसक गतिविधियों को रोकने के साथ ही विदेशी हस्तक्षेप और आतंकवाद पर रोक लगाना है. आलोचकों ने इसे 'एक देश, दो व्यवस्थाओं' की रूपरेखा के खिलाफ बताया है. रविवार दोपहर को काले कपड़े पहने हुए प्रदर्शनकारी मशहूर शॉपिंग डिस्ट्रिक्ट कॉजवे बे में एकत्रित हुए और प्रस्तावित कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. प्रदर्शनकारियों ने 'हांगकांग के साथ एकजुट', 'हांगकांग को आजाद करो' और 'हमारे दौर की क्रांति' जैसे नारे लगाए. प्रदर्शन के दौरान प्रतिष्ठित कार्यकर्ता टैम टैक-ची को गिरफ्तार कर लिया गया.

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1997 में चीन के हिस्से में था हांगकांग
अंग्रेजी अखबार अल जजीरा की कटरीना यू के मुताबिक इस विधेयक से बीजिंग हांगकांग की राजनीतिक उठापटक को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहा है. बता दें कि हांगकांग ब्रिटिश शासन से चीन के हाथ 1997 में 'एक देश, दो व्यवस्था' के तहत आया और उसे खुद के भी कुछ अधिकार मिले हैं. इसमें अलग न्यायपालिका और नागरिकों के लिए आजादी के अधिकार शामिल हैं। यह व्यवस्था 2047 तक के लिए है. कुछ दिन पहले हांगकांग में चीन के राष्ट्रगान को लेकर विधान परिषद में पेश किए एक विधेयक पर जमकर बवाल हुआ था. परिषद में चर्चा के दौरान लोकतंत्र समर्थक सांसदों ने इस बिल का विरोध किया था जिसके बाद लोकतंत्र समर्थक कई सांसदों को जबरन परिषद की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया गया.

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राष्ट्रगान का अनादर भी अपराध
इस विधेयक के पास होने के बाद हांगकांग में चीनी राष्ट्रगान का अनादर करना अपराध की श्रेणी में आ जाएगा. गौरतलब है कि हांगकांग चीन का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है जहां आजादी की मांग को लेकर लाखों संख्या में पहले भी लोगों ने प्रदर्शन किया था. हालांकि, चीनी फौज और हांगकांग की चीन समर्थित सरकार ने महीने भर से ज्यादा समय तक चले इस आंदोलन को हिंसक तरीके से कुचल दिया. इस दौरान हुई झड़पों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई थी.