चीन ने टीका संबंधी सामग्री चुराने के अमेरिका के दावे को 'झूठा' करार देते हुए खारिज किया

दुनियाभर में तीन लाख लोगों की जान ले चुके कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर पहले से ही दोनों देशों के बीच जुबानी जंग जारी है. ऐसे में अमेरिका के इस दावे ने आग में घी डालने का काम किया है.

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Ravindra Singh
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चीन-अमेरिका( Photo Credit : फाइल)

चीन ने कोविड-19 संबंधी शोध और टीका सामग्री चुराने की कोशिशों के अमेरिका के आरोपों को झूठा बताते हुए बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया. चीन ने अमेरिका से कहा कि दूसरों को बदनाम करके और बलि का बकरा बनाकर इस जानलेवा वायरस से छुटकारा नहीं मिलने वाला है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियांग ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन के उस बयान को भी खारिज कर दिया कि पिछले 20 वर्षों में चीन से पांच महामारियां उत्पन्न हुई हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारी अपने यहां कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये संघर्ष कर रहे हैं, इसलिये वे सारा दोष बीजिंग पर मढ़ रहे हैं.

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दुनियाभर में तीन लाख लोगों की जान ले चुके कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर पहले से ही दोनों देशों के बीच जुबानी जंग जारी है. ऐसे में अमेरिका के इस दावे ने आग में घी डालने का काम किया है. झाओ ने कहा, चीन इस तरह की ओछी हरकतों का विरोध करता है. उन्होंने एफबीआई और अमेरिकी गृह मंत्रालय की साइबर डिविजन की एक रिपोर्ट पर यह प्रतिक्रिया दी है. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि चीन सरकार द्वारा समर्थित हैकर कोरोना वायरस से निपटने के लिये किये गए अनुसंधकर्ताओं के कार्यों और साथ ही साथ इसका टीका बनाने से संबंधित सामग्री चुरा सकते हैं.

झाओ ने कहा, ऐतिहासिक रिकॉर्ड देखें तो अमेरिका बड़े पैमाने पर ऐसी जासूसी गतिविधियां कराता रहा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के बजाय चीन को साइबर हमलों को लेकर अधिक चिंतित होना चाहिये क्योंकि चीन ने कोरोनो वायरस के खिलाफ जंग में महत्वपूर्ण रणनीतिक उपलब्धियां हासिल की हैं और कोविड-19 के उपचार और टीके के अनुसंधान में सबसे आगे है. झाओ ने कहा कि चीन ने अपने यहां पर प्रकार के साइबर हमलों पर दृढ़ता से शिकंजा कसा है.

उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाने, दूसरों को बदनाम करने और बलि का बकरा बनाने से कोविड-19 महामारी से छुटकारा नहीं मिलने वाला. अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा है कि सार्स, एवियन फ्लू, स्वाइन फ्लू और कोविड-19 चीन से आए हैं. इस पर झाओ ने कहा कि अमेरिकी नेता दूसरों को बदनाम करने के लिये बेवकूफी भरी बातें कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि ओ ब्रायन को तथ्यों की ठीक से पड़ताल करनी चाहिये. झाओ ने कहा कि मीडिया में आईँ खबरों के अनुसार, स्वाइन फ्लू 2009 में अमेरिका से फैलना शुरू हुआ था. उन्होंने कहा, महामारियां कभी भी और कहीं भी फैल सकती सकती हैं. वैश्विक महामारी का सामना कर रहे अमेरिकी नेताओं को दूसरों पर दोष मढ़ने में इस कदर गिरना नहीं चाहिये.

Source : Bhasha

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