चीन ने बनाया नया नौसैनिक रडार, भारत की बढ़ी बेचैनी
पोस्ट ने कहा कि भारत के आकार जितने क्षेत्र पर लगातार नजर रखने' में सक्षम चीन की इस रडार तकनीक को विकसित करने का श्रेय चाइनीज अकेडमी ऑफ साइसेंस के शिक्षाविद् लियू योंगतान को जाता है.
नई दिल्ली:
चीन ने एक ऐसी तकनीक विकसित है जिससे वो अपने देश में बैठे-बैठे ही भारत पर नज़र रख सकेगा. चीनी मीडिया के मुताबिक उन्होंने एक ऐसा उन्नत समुद्री रडार विकसित किया है, जिससे वह भारत के आकार वाले क्षेत्र पर आसानी से लगातार नजर बनाए रख सकता है. हॉन्गकॉन्ग स्थित 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' ने चीन के 'ओवर द होरिजन' (ओटीएच) रडार कार्यक्रम का हिस्सा रहे वैज्ञानिकों के हवाले से बताया गया है कि घरेलू स्तर पर विकसित रडार सिस्टम चीनी नौसेना को चीन के समुद्रों पर पूरी नजर रखने में सक्षम बनाएगी और यह शत्रु पोतों, विमानों व मिसाइलों के आते खतरों को मौजूदा तकनीक की तुलना में बहुत पहले पहचान लेगी.'
पोस्ट ने कहा कि भारत के आकार जितने क्षेत्र पर लगातार नजर रखने' में सक्षम चीन की इस रडार तकनीक को विकसित करने का श्रेय चाइनीज अकेडमी ऑफ साइसेंस के शिक्षाविद् लियू योंगतान को जाता है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने लियू और एक अन्य सैन्य वैज्ञानिक कियान क्विहू को उनके योगदान के लिए मंगलवार को विज्ञान के क्षेत्र में दिए जाने वाले देश के शीर्ष पुरस्कार से सम्मानित किया.
लियू ने कहा कि पोत आधारित ओटीएच रडार ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी को अपेक्षाकृत बहुत बड़े क्षेत्र पर नजर रखने में सक्षम बनाया है. उन्होंने कहा, 'पारंपरिक तकनीकों की मदद से हमारे समुद्री क्षेत्र के करीब 20 प्रतिशत भाग की ही निगरानी हो पाती थी. नई प्रणाली पूरे क्षेत्र पर नजर रखेगी.'
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पोस्ट ने उनके हवाले से कहा कि यह रडार दक्षिण चीन सागर, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर समेत अहम क्षेत्रों में हमारी नौसेना की सूचना एकत्र करने की क्षमता बढ़ाएगी.
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