चीन पर फिर मंडराया कोरोना का खतरा! इतने शहरों में मिला डेल्टा वेरिएंट
पूरी दुनिया की कोरोना वायरस बांटने वाले चीन में एक बार फिर से कोविड के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं.
highlights
- चीन में एक बार फिर से कोविड के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं
- डेल्टा वेरिएंट के मामलों में अचानक उछाल देखने को मिला है
- नानजिंग शहर के कई एयरपोर्ट्स के कर्मचारियों को संक्रमित पाया गया
नई दिल्ली:
पूरी दुनिया की कोरोना वायरस बांटने वाले चीन में एक बार फिर से कोविड के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं. यहां कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के मामलों में अचानक उछाल देखने को मिला है. जानकारी के अनुसार चीन की राजधानी बीजिंग समेत देश के 15 शहर बुरी तरह डेल्टा वेरिएंट की चपेट में आ गए हैं. सरकारी मीडिया ने इसको दिसंबर 2019 में वुहान में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद सबसे बाद सबसे बड़ा संक्रामक रोग करार दिया है. ग्लोबल टाइम्स के अनुसार कोरोना मामलों में नई वृद्धि पूर्वी चीन के जिआंगसु प्रांत की राजधानी नानजिंग के एक एयरपोर्ट से फैलनी शुरू हुई है. जिसके बाद यह पांच अन्य प्रातों के साथ बीजिंग नगरपालिका में भी बुरी तरह से फै ल गई है.
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कई एयरपोर्ट्स के कर्मचारियों को संक्रमित पाया
ग्लोबल टाइम्स के अनुसार कोरोना के फैलते डेल्टा वेरिएंट के चलते नानजिंग शहर के कई एयरपोर्ट्स के कर्मचारियों को संक्रमित पाया गया है, जिसके चलते सभी उड़ानों को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया है. आपको बता दें कि कोरोना के इस वेरिएंट की पहचान भारत में हुई थी. वो बात अलग है कि भारत में इसके बहुत कम केस मिले हैं. वहीं, अलग-अलग प्रांतों में मिल रहे इस वैरिएंट ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया है. एक अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित लोगों के शरीर में कोरोनावायरस के मूल वेरिएंट से संक्रमित लोगों की तुलना में अधिक वायरस पैदा होता है, जिसका फैलाना बहुत आसान हो जाता है. चीन में ग्वांगडोंग प्रोविंशियल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के शोधकर्ताओं ने पाया कि वायरल लोड यानी शरीर में वायरल कणों के घनत्व का एक उपाय मूल वेरिएंट से संक्रमित लोगों की तुलना में डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित लोगों में लगभग 1,000 गुना अधिक होता है.
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अनुमानों के अनुसार, डेल्टा वेरिएंट सार्स-कोव-2 के मूल तनाव के रूप में दोगुने से अधिक हो सकता है, जो वायरस कोविड-19 का कारण बनता है. वैरिएंट, जिसे पहली बार 2020 के अंत में भारत में पहचाना गया था, अब प्रमुख तनाव बन गया है और कम से कम 111 देशों में फैल गया है.
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